Top
Begin typing your search above and press return to search.

पैंगांग में उलझा कर अन्य इलाकों में दबदबा बना रहा है चीन

लद्दाख में चीन अब धोखे वाली रणनीति अपनाते हुए जो चाल चल रहा है वह खतरनाक कही जा सकती हें।

पैंगांग में उलझा कर अन्य इलाकों में दबदबा बना रहा है चीन
X

चीन की धोखे वाली रणनीति से परेशान है भारतीय सेना, एक और डिव सेना तैनात करेगी

जम्मू । लद्दाख में चीन अब धोखे वाली रणनीति अपनाते हुए जो चाल चल रहा है वह खतरनाक कही जा सकती हें। इससे अब भारतीय सेना अनभिज्ञ नहीं है। यही कारण है कि उसने अब पैंगांग झील के सभी फिंगरों के अतिरिक्त आठ अन्य विवािदत क्षेत्रों से भी चीनी सेना की वापसी के लिए दबाव बनाना आरंभ किया है।

अधिकारी कहते हैं कि अगर चीन की रणनीति को समझें तो वह सिर्फ पैंगांग झील के मामले को उछालते हुए भारतीय सेना का ध्यान बंटाते हुए अन्य इलाकों में बढ़त हासिल करने में जुटा है जिसका परिणाम यह है कि अन्य विवािदत क्षेत्रों में भारतीय सेना को अपनी पोजिशन मजबूत करने के लिए अतिरिक्त एक डिवीजन सेना की जरूरत महसूस हो रही है।

रक्षाधिकारी मानते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना लद्दाख के कई इलाकों में आमने-सामने है और तनाव की स्थिति बनी हुई है लेकिन सबसे ज्यादा तनाव पैंगांग झील इलाके में है। अब कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हो सकता है कि चीन भारतीय सेना को पैंगांग झील में उलझा कर रखना चाहता है और उसकी असल नजर लद्दाख के देपसांग इलाके पर है। देपसांग में भी दोनों सेनाओं के बीच स्टैंड आफ है लेकिन गौरतलब है कि देपसांग में मई से भी पहले से चीन की सेना भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग से रोक रही है।

देपसांग के नजदीक ही भारतीय वायुसेना के रणनीतिक रूप से अहम दौलत बेग ओल्डी एयरबेस है। जो कि एलएसी की सुरक्षा और चीन से बढ़ते खतरे के लिहाज से काफी अहम माना जाता है। साथ ही देपसांग से चीन के शिनजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाले हाइवे के लिए मुश्किल खड़ी की जा सकती है। ऐसे में रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अपने इस अहम हाइवे की सुरक्षा के लिए देपसांग के इलाके में अपना दबदबा बनाना चाहता है और भारतीय सेना को पीछे धकेलना चाहता है। हालांकि अभी तक यह बात सिर्फ अनुमान के आधार पर कही जा रही है लेकिन चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसकी आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता।

कल हुई बैठक में सेना के सूत्रों के हवाले से भारत की तरफ से मजबूती से अपना पक्ष रखा गया है। पैंगांग और रेजांग ला इलाकों में तनातनी के बाद अब देपसांग, गोगरा, हाट स्प्रिंग इलाकों में भी चीनी सेना अपना दबदबा बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे तनाव और ज्यादा बढ़ रहा है।

पर इसके प्रति उम्मीद कम ही लग रही है कि चीन अपने सैनिकों को इन इलाकों से भी हटाएगा। ऐसे में भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय से आग्रह कर रही है कि नाजुक परिस्थितियों के चलते विवादित क्षेत्रों में अपनी पोजिशन को मजबूत करने की खातिर कम से कम एक डिवीजन सेना की जरूरत है जो अभी तैनात किए जा चुके 50 हजार जवानों के अतिरिक्त होगी।

--सुरेश एस डुग्गर--


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it