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गरीबी उन्मूलन में चीन एक विश्व-अग्रणी देश है : हिमाद्रिश सुवन

इसमें कोई संदेह की बात नहीं है कि चीन गरीबी उन्मूलन में एक तरीके से विश्व-अग्रणी देश बन गया है और चीन के इन्हीं प्रयासों के कारण वैश्विक गरीबी दर में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है

गरीबी उन्मूलन में चीन एक विश्व-अग्रणी देश है : हिमाद्रिश सुवन
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बीजिंग। इसमें कोई संदेह की बात नहीं है कि चीन गरीबी उन्मूलन में एक तरीके से विश्व-अग्रणी देश बन गया है और चीन के इन्हीं प्रयासों के कारण वैश्विक गरीबी दर में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। कंफेडरेशन ऑफ यंग लीडर्स के अध्यक्ष हिमाद्रिश सुवन ने चाइना मीडिया ग्रुप को दिये एक खास साक्षात्कार में यह बात कही। हिमाद्रिश सुवन ने कहा कि कई दशकों से चीन सभी रूपों में गरीबी कम करने में जुटा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तो इसे मानव इतिहास में सबसे बड़ी कहानियों में से एक बताया है। इस साल के अंत तक चीन का अपनी गरीबी खत्म करने का लक्ष्य था और वह समय से पहले और महामारी के बावजूद गरीबी खत्म करने के लक्ष्य को पाने में सफल रहा।

भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के वरिष्ठ सलाहकार हिमाद्रिश सुवन ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद अपने लक्ष्य को समय से पहले पूरा करना, यह पूरे विश्व को एक संदेश देता है कि अंधेरे के बाद सुबह जरूर होती है। पिछले 7 दशकों में चीन ने 85 करोड़ लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से बाहर निकाला है, जो वैश्विक गरीबी उन्मूलन का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। साल 2019 के अंत में चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित लोगों की संख्या, जो साल 2012 में 9.9 करोड़ थी, वो घटकर 55 लाख हो गई है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत और चीन को साथ मिलकर गरीबी उन्मूलन पर काम करना चाहिए क्योंकि हम दोनों देशों की सोच, समझ और विचार काफी एक जैसे हैं। जहां तक गरीबी उन्मूलन की बात है, यह एक ऐसा मामला है जो दोनों देश अपने-अपने अनुसार काम कर रहे हैं। हम दोनों देशों को इस विषय पर मिलकर काम करना चाहिए।

हिमाद्रिश सुवन ने गरीबी खत्म करने में चीन की सफलता के पीछे सबसे बड़ी वजह लोक अभियान और जन शक्ति बताया है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार ने कई तरह की नीतियां और रणनीतियां अपनायी हैं, जिसमें एक रणनीति इंटरनेट प्लस थी। इस रणनीति के तहत चीन की शॉपिंग वेबसाइट थाओपाओ को पुल बनाया गया और चीन की गरीब काउंटियों में जो लोग रहते हैं, उनको ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया गया और उन्हें विश्व पटल से जोड़ा गया।

उन्होंने कहा कि यह एक काफी अच्छा प्रयास था और ऐसा प्रयास भारत में भी किया जा रहा है। इसके अलावा, चीन ने औद्योगिक विकास, पर्यावरण क्षतिपूर्ति, पुनरुत्थान, सामाजिक सुरक्षा आदि तरीके अपनाये हैं। आने वाले समय में चीन काफी हद तक पूरे विश्व को अपने साथ इस मिशन में जोड़ेगा।

उन्होंने साक्षात्कार में यह भी कहा चीन ने अपने दूरदर्शी प्रयासों के द्वारा जिस तरह कोरोना महामारी पर काबू पाया है और समय से पहले गरीबी उन्मूलन में सफल रहा है, यकीनन इससे पूरे विश्व को लाभ होगा। चीन की अर्थव्यवस्था काफी हद तक रिकवर हो चुकी है। इससे विश्व का सप्लाई चेन काफी मजबूत होगी, वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान बढ़ेगा, लोगों की आवाजाही बढ़ेगी, जाहिर है पूरे विश्व के लिए यह उभय जीत वाली स्थिति है। चीन का अपने यहां गरीबी खत्म करना यकीनन पूरे विश्व के लिए एक सकारात्मक संकेत है।


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