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चीन-यूरोप एक्सप्रेस बनी 'बेल्ट एंड रोड' पहल की रीढ़, विश्व कनेक्टिविटी को मिल रही गति

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कनेक्टिविटी 'बेल्ट एंड रोड' पहल (बीआरआई) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है

चीन-यूरोप एक्सप्रेस बनी बेल्ट एंड रोड पहल की रीढ़, विश्व कनेक्टिविटी को मिल रही गति
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बीजिंग। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कनेक्टिविटी 'बेल्ट एंड रोड' पहल (बीआरआई) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीन व्यापक परामर्श, संयुक्त निर्माण और साझा लाभ वाले सिद्धांतों का पालन करता रहेगा, जिससे वह वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति बना रहेगा। चीन का लक्ष्य अपने स्वयं के विकास से दुनिया को लाभ पहुंचाना और सभी पक्षों के लिए 'जीत-जीत' परिणाम हासिल करना है।

हाल के आंकड़ों के अनुसार, चीन-यूरोप एक्सप्रेस ने पिछले कुछ वर्षों में 1.1 लाख ट्रेनों का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें 4.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का कार्गो मूल्य है। कई टिप्पणीकारों का मानना है कि चीन-यूरोप एक्सप्रेस मार्ग से जुड़े देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के लिए यह एक 'एक्सलेटर' बन गया है।

लिन च्येन ने बताया कि चीन-यूरोप एक्सप्रेस 'बेल्ट एंड रोड' पहल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। वर्तमान में, चीन के 128 शहरों से चीन-यूरोप एक्सप्रेस सेवाएं शुरू हो चुकी हैं, जो 26 यूरोपीय देशों के 229 शहरों और 11 एशियाई देशों के 100 से अधिक शहरों तक पहुंचती हैं। औसतन हर आधे घंटे से भी कम समय में एक ट्रेन रवाना होती है, जो इस नेटवर्क की दक्षता को दर्शाता है।

चीन-यूरोप एक्सप्रेस कुशलतापूर्वक, स्थिर और सुचारू रूप से संचालित होती है, न केवल एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान के लिए एक सेतु का निर्माण करती है, बल्कि मार्ग के साथ-साथ आने वाले देशों में विकास की गति को भी बढ़ाती है।


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