एक बच्चे की नीति खत्म करने के बावजूद चीन की जन्मदर में इतनी गिरावट
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में दशकों तक एक ही बच्चा पैदा करने की इजाजत थी. जरूरत पड़ने पर यह नीति खत्म की

इस समस्या से निपटने के लिए चीन लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत देने के साथ ही ऐसी नीतियां अपना रहा है, जिससे लोगों के लिए बच्चे पालना आर्थिक रूप से बोझ न बन जाए. जैसे पिछले साल ही चीन ने स्कूल से इतर पैसे देकर कोचिंग पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया है, जो चीन में एक बड़ा उद्योग था. चीन में कामकाजी लोगों की आबादी पहले ही घट रही है, जिसका असर देश की भुगतान करने की क्षमता और बूढ़ी होती आबादी की देखभाल पर पड़ेगा.
विशेषज्ञों की क्या है सलाह
आंकड़े बताते हैं कि 2021 में 1.06 करोड़ बच्चों ने जन्म लिया, जबकि 2020 में यही संख्या 1.20 करोड़ थी. बीजिंग स्थित सेंटर फॉर चाइना ऐंड ग्लोबलाइजेशन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ हुआंग वेन्झेंग कहते हैं कि अगर नीतियों में और बदलाव नहीं किए गए, तो जन्मदर में और कमी आने से पहले यह संख्या एक करोड़ की सीमा तक बढ़ या घट सकती है.
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हुआंग कहते हैं, "हालांकि, दूर की सोचें, तो नीतियों से जन्मदर के मामले में मदद मिलेगी. करियर में आगे बढ़ने को बच्चे पैदा करने से जोड़ा जा सकता है. आर्थिक रूप से प्रोत्साहन दिया जा सकता है या लोगों को बच्चों का पालन-पोषण करने में मदद करने के लिए सीधे खाते में पैसा दिया जा सकता है." साल 2020 में प्रति हजार लोगों पर जन्मदर 8.52 थी.
अर्थव्यवस्था से अच्छी खबर
हालांकि, अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर चीन बेहतरीन प्रदर्शन करता दिख रहा है. आंकड़े बताते हैं कि 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था में 8.1 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की गई है. यहां तक कि चीन ने अनुमानों से उलट 2021 में रिकॉर्ड ट्रेड सरप्लस भी दर्ज किया. दिसंबर महीने और पूरे साल 2021 में रिकॉर्ड ट्रेड सरप्लस दर्ज किया.
वैसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पिछले साल के दूसरे हिस्से में अपने बड़े रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ते कर्ज को घटाने का दबाव डाला था, जिसकी वजह से साल के आखिरी छह महीने में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर कुछ धीमी रही, लेकिन महामारी के असर से चीन की अर्थव्यवस्था जिस तरह से उबरी है, वह कई विशेषज्ञों के लिए हैरान करनेवाला साबित हुआ है.


