यौन शोषण से बचने के लिए बच्चों को सशक्त होना होगा : सत्यार्थी
नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के यौन शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बच्चों को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श को भुलकर नो टच का अनुसरण करना चाहिए

जयपुर। नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के यौन शोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि बच्चों को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श को भुलकर नो टच का अनुसरण करना चाहिए।
बच्चों की तस्करी और यौन शोषण के खिलाफ 11 सितम्बर को कन्याकुमारी से शुरू की गयी यात्रा के तहत आज यहां पहुंचे श्री सत्यार्थी ने एक स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में बच्चों को शोषण से बचाने का अधिकार मिला हुआ है लेकिन वे तभी इस बुराई से बच सकेंगे जब उनमें जागरूकता आएगी।
उन्होंने कहा कि बच्चों को निर्भय होने के साथ किसी भी प्रकार की बुराई के घेरे में आने पर तत्काल मदद लेने की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि बच्चों और युवाओं को यौन शोषण के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए ताकि वे स्वयं सुरक्षित रखने के साथ दूसरे बच्चों की मदद कर उन्हें बदमाशों के चंगुल से बचा सके।
उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के साथ कई घिनोने अपराध होते रहते है। डर एवं कम समझ के कारण वे बुराई के घेरे में आ जाते है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को सशक्त होना होगा ताकि वे किसी धमकी या खतरे को समझ कर अपने को बचा सके।
श्री सत्यार्थी ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक 65 प्रतिशत बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी ही नहीं है तथा 25 प्रतिशत ऐसे बच्चे सामने आये जिनको छेडछाड़ एवं शारीरिक शोषण से गुजरना पड़ा।
80 प्रतिशत ऐसे बच्चे रहे जो घरेलू हिंसा के कारण टूट गये।


