यमन में बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही जिसकी उन्हें जरूरत है: यूनिसेफ
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने मंगलवार को कहा कि यमन की शिक्षा प्रणाली देश के हिंसक संघर्ष के कारण तबाह हो गई है

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने मंगलवार को कहा कि यमन की शिक्षा प्रणाली देश के हिंसक संघर्ष के कारण तबाह हो गई है। यूनिसेफ ने कहा कि 2015 में युद्ध बढ़ने के बाद से कम से कम पांच लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है।
यमन में यूनिसेफ की प्रतिनिधि मेरिटक्सेल रेलानो ने कहा, "यमन में बच्चों की एक पूरी पीढ़ी शिक्षा तक सीमित या बिना पहुंच के कारण निराशाजनक भविष्य का सामना कर रही है।"
उन्होंने कहा, "यहां तक कि जो स्कूल में हैं, उन्हें भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही जिसकी उन्हें जरूरत है।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल से दूर हुए बच्चों की कुल संख्या करीब 20 लाख हो चुकी है और लगभग तीन चौथाई पब्लिक स्कूल शिक्षकों को एक साल से अधिक समय से वेतन नहीं दिया गया है जिससे अतिरिक्त 45 लाख बच्चों की शिक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
देश के 2500 से अधिक स्कूलों का उपयोग नहीं हो रहा है। दो तिहाई स्कूल हमले से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। 27 प्रतिशत स्कूल बंद हो गए हैं और सात प्रतिशत का सैन्य उद्देश्यों या विस्थापित लोगों के आश्रय स्थलों के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।
यूनिसेफ ने संघर्ष में शामिल पक्षों, सरकार और दानदाताओं से युद्ध को समाप्त करने, शिक्षकों को वेतन देने, बिना किसी शर्त बच्चों की शिक्षा की रक्षा करने और शिक्षा के लिए वित्तपोषण में वृद्धि करने का आग्रह किया है।


