विस्फोट में झुलसे बालक व हादसे में घायल युवती की मौत
सड़क के बीच विस्फोट जैसी रहस्यमय घटना की जद में आकर झुलसे मासूम दीपेश की मौत

सड़क पर रहस्यमय विस्फोट में झुलस गया था दीपेश, स्वाति ट्रैक्टर की टक्कर से हो गई थी घायल
कोरबा। सड़क के बीच विस्फोट जैसी रहस्यमय घटना की जद में आकर झुलसे मासूम दीपेश के ईलाज के लिए आर्थिक मदद और उसकी जिंदगी की दुआ के लिए बढ़ते हाथों के मध्य जिंदगी और मौत से संघर्षरत् दीपेश ने अंतत: मौत के सामने घुटने टेक दिए।
इसी घटना के दिन दोपहर के वक्त ट्रेक्टर की ठोकर से गंभीर हालत में पहुंची एक युवती ने भी आज दम तोड़ दिया। दोनों ही घटना ने इनके परिजनों व शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने वालों को शोकमग्न कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 11 जून की सुबह लगभग 9 बजे दर्री थाना क्षेत्र के अयोध्यापुरी बस्ती शारदा चौक के पास जोरदार धमाका के साथ बीच सड़क पर धुएं का गुबार उठा और जब धुआं छंटा तो दीपेश यादव पिता अनिल यादव 9 वर्ष एवं राहुल यादव पिता प्रेम यादव 15 वर्ष सड़क पर झुलसे हुए मिले।
दीपेश के कपड़ों में आग लगी थी जिसे आसपास मौजूद लोगों ने दौड़कर बुझाया जबकि राहुल भी आंशिक रूप से झुलस कर जख्मी हुआ। लगभग 85 प्रतिशत झुलसे दीपेश को एनटीपीसी विभागीय चिकित्सालय ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल फिर बिलासपुर सिम्स रेफर किया गया।
सिम्स के बाद उसे ट्रामा सेंटर कोरबा लाया गया जहां से महादेवा निजी चिकित्सालय ले जाया गया। निजी अस्पताल में महंगा ईलाज का खर्च पीड़ित परिवार के लिए वहन कर संभव न होने पर पुन: सिम्स रिफर कराया गया। सिम्स में गुरूवार आधी रात के बाद दीपेश की हालत एकाएक बिगड़ने लगी और आज सुबह 8 बजे दम तोड़ दिया।
इसी तरह 11 जून की दोपहर करीब 3:15 बजे टीपी नगर में ट्रेक्टर के चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए स्कूटी पर सवार होकर सहेली के साथ घर लौट रही स्वाति सराफ पिता डीपी सराफ 20 वर्ष निवासी 15 ब्लॉक कालोनी मकान क्र.-ई 22 को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
आशीर्वाद प्वाइंट दीनदयाल सांस्कृतिक भवन के पास ट्रेक्टर से घायल स्वाति को ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था जहां आज दोपहर 2:45 बजे उसने दम तोड़़ दिया। मृतका आईटी कॉलेज में बीई द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उसकी मौत की खबर ने परिजनों सहित सहपाठियों को गमजदा कर दिया है।
परिजनों व क्षेत्रवासियों में इस बात का आक्रोश है कि शहर की व्यस्ततम व संकरी सड़कों पर ट्रेक्टर जैसे मालवाहक वाहन तेज रफ्तार से दौड़ते हैं जबकि इन पर लगाम नहीं लगाई जा रही है।


