बाल यौन शोषण : जागरूकता पर दिया जोर
बाल यौन शोषण और कानून विषय पर इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस में एक चर्चा का आयोजन किया गया

नई दिल्ली। बाल यौन शोषण और कानून विषय पर इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस में एक चर्चा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने बाल यौन शोषण और कानून विषय पर अपने विचार रखते हुए बच्चों को इस विषय पर जागरूक करने पर बल दिया।
चर्चा का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बाल यौन शोषण के बारे में जानकारी देना और उसके लिए बने कानून के बारे में अवगत करना था और साथ ही साथ इस बात पर जोर दिया गया की किस प्रकार वो ऐसी स्थिति में अपना बचाव करें।
चर्चा में नम्रता मुखर्जी, ऋतु प्रिया प्रोग्राम मैनेजर हंस सैडल फॉउंडेशन, जपलीन पसरीचा फाउंडर एंड एडिटर इन चीफ फेमिनिज्म, एल्सा मारी डी' सिल्वा ने अपने-अपने विचार रखे। एल्सा मारी डीसिल्वा ने कहा कि ऐसी चर्चाएं एक माध्यम हैं जो छात्रों और शिक्षकों को यौन हिंसा की बाबत शिक्षित करने और सहायता के लिए मददगार साबित होती हैं, चाइल्ड सेक्स एब्यूज पर चर्चा करना हर एक की जिम्मेदारी है।
आयोजक सहयोगी शैली चोपड़ा ने कहा कि डर सबसे बुरा दुश्मन है जो मानसिक रूप से, भावनात्मक रूप से और सामाजिक रूप से एक बच्चे को तोड़ता है। इसलिए, महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने के लिए कानूनों और अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।


