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बाल विवाह से डिप्रेशन तक 'देश के मेंटर्स' ने स्कूली बच्चो का हाथ थामा

दिल्ली सरकार की प्रमुख पहल 'देश के मेंटर' प्रोग्राम के तहत मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य को दिशा देने की दिशा में काम किया है।

बाल विवाह से डिप्रेशन तक देश के मेंटर्स ने स्कूली बच्चो का हाथ थामा
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नई दिल्ली, 19 जनवरी: दिल्ली सरकार की प्रमुख पहल 'देश के मेंटर' प्रोग्राम के तहत मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य को दिशा देने की दिशा में काम किया है। राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित करने में यह उनका सबसे बड़ा योगदान है। गुरुवार को देश के 'मेंटर कॉन्क्लेव-2023' में इन मेंटर्स को सम्मानित किया गया।

दिल्ली सरकार का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में जब आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचा गया तो देखा की इसमें एक चीज जो मिसिंग है वो है सपना। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक पिछले सात साल में शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने स्कूलों में लाखों बच्चों के साथ चर्चा की, इन सभी चर्चाओं में बच्चों का ड्रीम कहीं न कहीं मिसिंग था। बच्चों से पूछो भविष्य में क्या करना है तो उनके पास उसका जबाव नहीं होता था। बच्चों के पास सपना नहीं था कि उन्हें आगे भविष्य में क्या करना है। लेकिन देश के मेंटर कार्यक्रम ने इस गैप जो भरने का काम किया है और बच्चों को ये डायरेक्शन दी है कि उन्हें अपने भविष्य में क्या करना है, किस क्षेत्र में जाना है।

सिसोदिया ने कहा कि देश का मेंटर नए आयाम छू रहा है। मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ है कि एक मेंटर ने अपने मेंटी का बाल विवाह रुकवा दिया। मेंटर के मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ कि एक बच्ची जिसे 12वीं के बाद आगे भविष्य में क्या करना है, उसके विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी उसने मेंटरिंग पाकर मेहनत की और आईजीडीटीयूडब्ल्यू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से बीटेक कर रही है। वह आज स्वयं 4 बच्चों को मेंटरिंग भी दे रही है। उन्होंने कहा कि देश का पढ़ा-लिखा युवा ये चाहता है कि उसने जो सीखा उसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी सिखा सकें। उन्हें भविष्य की राह दिखा सके ये कार्यक्रम ऐसे युवाओं को, प्रोफेशनल्स को मौका दे रहे हैं कि वो आगे बढ़कर आयें और स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का हाथ थाम उन्हें जिंदगी के कठिन चुनौतियो का सामना करते हुए अपने भविष्य को संवारने की दिशा दिखा सकें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेंटरिंग का काम कोई छोटा काम नहीं बल्कि देश की बेहतरी को नया आयाम देने वाला एक महत्वपूर्ण काम है। हमारे मेंटर्स मेंटरिंग के द्वारा अपना समय देश के भविष्य को संवारने के लिए दे रहे हैं, ये देश की तरक्की में उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि हमारे मेंटर्स जब अपने मेंटीज से बात करते होंगे तो उस दौरान उन्हें बहुत से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता होगा, लेकिन जब भी ऐसा हो तो हमारे मेंटर ये बात ध्यान रखे कि वो सिर्फ किसी एक बच्चे को भविष्य की राह नहीं दिखा रहे बल्कि देश के भविष्य को संवारने का काम कर रहे हैं। हमारे मेंटर अपने काम पर गर्व करें कि अपने काम की बदौलत वो देश को सपना देखना और उस सपने को सच करने के लिए मेहनत करना सीखा रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली सरकार का फ्लैगशिप प्रोग्राम 'देश के मेंटर' कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा मेंटरिंग प्रोग्राम है। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 26,000 मेंटर व 1 लाख मेंटीज ऑनबोर्ड हुए है।नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार की प्रमुख पहल 'देश के मेंटर' प्रोग्राम के तहत मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य को दिशा देने की दिशा में काम किया है। राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित करने में यह उनका सबसे बड़ा योगदान है। गुरुवार को देश के 'मेंटर कॉन्क्लेव-2023' में इन मेंटर्स को सम्मानित किया गया।

दिल्ली सरकार का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में जब आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचा गया तो देखा की इसमें एक चीज जो मिसिंग है वो है सपना। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक पिछले सात साल में शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने स्कूलों में लाखों बच्चों के साथ चर्चा की, इन सभी चर्चाओं में बच्चों का ड्रीम कहीं न कहीं मिसिंग था। बच्चों से पूछो भविष्य में क्या करना है तो उनके पास उसका जबाव नहीं होता था। बच्चों के पास सपना नहीं था कि उन्हें आगे भविष्य में क्या करना है। लेकिन देश के मेंटर कार्यक्रम ने इस गैप जो भरने का काम किया है और बच्चों को ये डायरेक्शन दी है कि उन्हें अपने भविष्य में क्या करना है, किस क्षेत्र में जाना है।

सिसोदिया ने कहा कि देश का मेंटर नए आयाम छू रहा है। मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ है कि एक मेंटर ने अपने मेंटी का बाल विवाह रुकवा दिया। मेंटर के मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ कि एक बच्ची जिसे 12वीं के बाद आगे भविष्य में क्या करना है, उसके विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी उसने मेंटरिंग पाकर मेहनत की और आईजीडीटीयूडब्ल्यू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से बीटेक कर रही है। वह आज स्वयं 4 बच्चों को मेंटरिंग भी दे रही है। उन्होंने कहा कि देश का पढ़ा-लिखा युवा ये चाहता है कि उसने जो सीखा उसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी सिखा सकें। उन्हें भविष्य की राह दिखा सके ये कार्यक्रम ऐसे युवाओं को, प्रोफेशनल्स को मौका दे रहे हैं कि वो आगे बढ़कर आयें और स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का हाथ थाम उन्हें जिंदगी के कठिन चुनौतियो का सामना करते हुए अपने भविष्य को संवारने की दिशा दिखा सकें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेंटरिंग का काम कोई छोटा काम नहीं बल्कि देश की बेहतरी को नया आयाम देने वाला एक महत्वपूर्ण काम है। हमारे मेंटर्स मेंटरिंग के द्वारा अपना समय देश के भविष्य को संवारने के लिए दे रहे हैं, ये देश की तरक्की में उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि हमारे मेंटर्स जब अपने मेंटीज से बात करते होंगे तो उस दौरान उन्हें बहुत से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता होगा, लेकिन जब भी ऐसा हो तो हमारे मेंटर ये बात ध्यान रखे कि वो सिर्फ किसी एक बच्चे को भविष्य की राह नहीं दिखा रहे बल्कि देश के भविष्य को संवारने का काम कर रहे हैं। हमारे मेंटर अपने काम पर गर्व करें कि अपने काम की बदौलत वो देश को सपना देखना और उस सपने को सच करने के लिए मेहनत करना सीखा रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली सरकार का फ्लैगशिप प्रोग्राम 'देश के मेंटर' कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा मेंटरिंग प्रोग्राम है। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 26,000 मेंटर व 1 लाख मेंटीज ऑनबोर्ड हुए है।


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