जर्जर भवन में काम करने बाल विकास कर्मी मजबूर
विकासखंड के एकीकृत बाल विकास परियोजना का कार्यलय अत्यंत जर्जर स्थिति में पहुच चुका है ......
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
गौरेला। विकासखंड के एकीकृत बाल विकास परियोजना का कार्यलय अत्यंत जर्जर स्थिति में पहुच चुका है । कार्यालय की दीवारों में बड़ी बड़ी दरारों हो गई है। छत के प्लास्टर गिरने लगे है और फर्श तो पुरी तरह से टूट चुका है। तहसील कार्यालय स्थित इस कार्यालय में कार्यरत कर्मचारि भगवान भरोसे , भगवान का जाप करते हुए डर के साये में कार्य करने को मजबूर हंै। कर्मचारियों की माने तो भवन की स्थिति को लेकर वर्षो से पत्र व्यवहार किया जा रहा है पर अब तक ठोस कदम नही उठाया गया है।
कार्यरत कर्मचारियों की माने तो भवन इतना जर्जर हो गया है कि बरसात में कभी भी गिर सकता है भवन के छत का प्लास्टर तो आये दिन गिरता रहता है। बरसात में छत का पानी रिसकर दीवारों को पूरी तरह से भिगो देता है । पूरा भवन के साथ साथ गोदाम की हालात भी बाद स बत्तर है जहाँ कुछ भी संग्रह किया जाता है तो पानी आने से खराब होने का डर रहता है जबकि बाबू व लेखापाल जैसे कर्मचारियों के कक्ष की स्थिति खंडहर के समान हो चुकी है।
हर साल बरसात से पहले एवम समय-समय पर कर्मचारियों द्वारा अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किया जाता है। पत्र व्यवहार भी किया गया पर अधिकारी अस्वाशन देकर आगे बढ़ जाते है। भवन का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निर्मित किया गया था जिसका उद्घाटन 1 - 10 - 1995 को जल संसाधन मंत्री राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल के द्वारा किया गया था।


