अदालत की अवमानना के मामले में मुख्य सचिव तलब
उच्चतम न्यायालय ने सरकार को उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने की छूट प्रदान कर दी, उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को अदालत की अवमानना के मामले में तलब किया है, अदालत ने अपर मुख्य सचिव से यह भी पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए?उन्हें 18 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है।
न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की पीठ ने यह कार्यवाही राजेन्द्र सिंह जगवाण, पंकज सैलानी, अंकित तिवारी एवं ऋषिभूषण की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद की। अधिवक्ता एमसी पंत ने बताया कि कोर्ट ने 14 जून 2018 को एक आदेश पारित कर पॉलिटेक्निक में संविदा में नियुक्त उपरोक्त प्रवक्ताओं को नियमित करने तथा नियमित कर्मियों की तरह न्यूनतम वेतन देने के निर्देश दिये थे लेकिन सरकार की ओर से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया।
पंत ने बताया कि इसके बावजूद सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक विशेष याचिका दायर कर दी। सरकार को इस मामले में कोई राहत नहीं मिली। उच्चतम न्यायालय ने सरकार को उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने की छूट प्रदान कर दी। उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी।
पंत ने बताया कि अवमानना याचिका दायर होने के बाद याचिकाकर्ताओं को मौखिक रूप से काम करने से रोक दिया गया और वेतन भी नहीं दिया गया। पंत ने बताया कि सरकार की ओर से कहा गया कि उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका दायर की गयी थी इसलिए अवमानना याचिका विचार योग्य नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की इस दलील को कोर्ट ने नहीं माना और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को अवमानना संबंधी नोटिस जारी किया है। साथ की उन्हें 18 दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया है। उनसे यह भी पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही अमल में लायी जाए?


