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घूसकांड में घिरे योगी के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अधिकारियों में शुमार शशि प्रकाश गोयल पर 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। यह आरोप एक सामान्य व्यक्ति ने लगाया है

घूसकांड में घिरे योगी के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े अधिकारियों में शुमार शशि प्रकाश गोयल पर 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। यह आरोप एक सामान्य व्यक्ति ने लगाया है, लेकिन इस पर मुहर उप्र के प्रथम नागरिक राज्यपाल राम नाईक ने लगाई है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने की सिफारिश की है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंप दी है। दूसरी तरफ आरोप लगाने वाले युवक पर भाजपा की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

युवक के परिजनों का आरोप है कि उनका आरोप सही है और अभिषेक की जान को खतरा है। अब मुख्य सचिव की रपट यह तय करेगी कि आखिर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव पर रिश्वत मांगने का आरोप सच है या राज्यपाल का पत्र झूठा है। उधर पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया है कि मुख्य सचिव पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। आरोपी ने कहा कि तनाव में होने के कारण उसने ऐसा किया।

राज्यपाल नाईक ने दिखाई मामले में दिलचस्पी

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को अभिषेक गुप्ता के गृह जनपद हरदोई में एक पेट्रोल पंप खोलने संबंधी प्रकरण की तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इस बीच राज्यपाल राम नाईक ने भी योगी को पत्र भेजकर कहा है कि इस मामले में जांच कर समुचित कार्रवाई करें। मामले में राज्यपाल राम नाईक काफी दिलचस्पी ले रहे हैं।

ऐसे समझें, ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि लखनऊ निवासी अभिषेक गुप्ता ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस. पी. गोयल पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। गुप्ता ने हरदोई जिले की संडीला तहसील के केरैसो गांव में पेट्रोल पंप खोलने के लिए मुख्य मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने की मांग की थी। उनका आवेदन नियमानुसार न होने के कारण खारिज कर दिया गया था।

अभिषेक ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि मुख्यमंत्री के एक अधिकारी ने उनसे 25 लाख रुपए की मांग की थी। रिश्वत न देने पर उनके प्रत्यावेदन पर निर्णय नहीं हो पाया है। राज्यपाल राम नाईक ने इस मामले में समुचित कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।


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