गीतकार नीरज के निधन पर मुख्यमंत्री योगी ने जताया शोक
मशहूर गीतकार व कवि पद्मभूषण गोपालदास नीरज का गुरुवार की शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है

लखनऊ। मशहूर गीतकार व कवि पद्मभूषण गोपालदास नीरज का गुरुवार की शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
कवि नीरज के निकटस्थ सूत्रों ने बताया कि संक्रमण के कारण उनके फेफड़ों में मवाद भर गया था। एम्स के डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श लेने के बाद डॉक्टरों ने नली डालकर 800 ग्राम मवाद बाहर निकाल दिया था। लेकिन इसके बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधारने और बिगड़ने का क्रम बना रहा। वह बुधवार सुबह अपने बेड पर बैठ गए थे। कुछ कहने के बजाय कागज पर लिखकर बताया था-मैं ठीक हूं, अब घर चलो।'
गुरुवार को फिर हालत बिगड़ी तो उसके बाद सुधर नहीं सकी और शाम 7.35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
कवि नीरज के निधन की सूचना पर साहित्य व कला जगत में शोक छाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
अपने जारी बयान में योगी ने कहा कि नीरज ने अपनी काव्य रचनाओं से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उन्हें भावनाओं और अनुभूतियों को व्यक्त करने में दक्षता हासिल थी। हिंदी फिल्मों के लिए नीरज द्वारा लिखे गए गीत आज भी लोकप्रिय हैं। गोपाल दास 'नीरज' के निधन से साहित्य जगत को जो हानि हुई है, उसकी भरपाई होना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
नीरज का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिला के गांव पुरावली में 4 जनवरी, 1924 को हुआ था। उनकी काव्य रचनाओं में दर्द दिया है, आसावरी, बादलों से सलाम लेता हूं, गीत जो गाए नहीं, नीरज की पाती, नीरज दोहावली, गीत-अगीत, कारवां गुजर गया, पुष्प पारिजात के, काव्यांजलि, नीरज संचयन, नीरज के संग-कविता के सात रंग, बादर बरस गयो, मुक्तकी, दो गीत, नदी किनारे, लहर पुकारे, प्राण-गीत, फिर दीप जलेगा, तुम्हारे लिए, वंशीवट सूना है और नीरज की गीतिकाएं शामिल हैं। उन्होंने कई प्रसिद्ध फिल्मों के गीतों की रचना भी की थी।


