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मुख्यमंत्री विजयन का राज्‍यपाल खान पर कटाक्ष : 'वह क्या सोचते हैं, क्या केरल पर सीआरपीएफ राज करेगी?'

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया पर यह जानकारी दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद कि केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड+ सुरक्षा के तहत रखा है

मुख्यमंत्री विजयन का राज्‍यपाल खान पर कटाक्ष : वह क्या सोचते हैं, क्या केरल पर सीआरपीएफ राज करेगी?
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तिरुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कार्यालय द्वारा सोशल मीडिया पर यह जानकारी दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद कि केंद्र ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड+ सुरक्षा के तहत रखा है, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल पर कटाक्ष करते हुए पूछा, "वह क्या सोचते हैं, क्या केरल पर सीआरपीएफ शासन करेगी... ?"

केरल पुलिस की ओर से 'चूक' के खिलाफ खान ने शनिवार को दो घंटे तक धरना दिया। इसके बाद विजयन ने मीडिया को संबोधित करते हुए पांच नाम पढ़े, जिन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों में केंद्र द्वारा सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है।

विजयन ने कहा, "ये सभी आरएसएस के कार्यकर्ता हैं और अब खान का नाम भी सूची में जोड़ा गया है।"

उन्होंने कहा, “क्या सीआरपीएफ यहां मामला दर्ज कर सकती है? हमारे देश में कानून हैं।”

खान के खिलाफ अपने बयानों में विजयन ने राज्यपाल के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया।

उन्होंने कहा, ''उनके (खान) पास विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ने का समय नहीं है... उन्होंने सिर्फ शुरुआती और समापन पैराग्राफ पढ़े। भले ही तकनीकी रूप से यह पर्याप्त है, मगर जब वह सड़क पर बैठकर दो घंटे बिता सकते हैं, तो उनके पास अपना पूरा अभिभाषण पढ़ने का समय नहीं है, यह बात हजम होने वाली नहीं है।”

विजयन ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “अगर कोई उन्‍हें देखेेेगा, तो कहेगा कि वह बिल्कुल स्वस्थ दिखते हैं। अगर उन्‍हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी है तो जांच करवानी चाहिए। स्वास्थ्य का मतलब कई 'चीजें' हैं।'' उनके कहने का आशय था कि खान को मानसिक जांच करवानी चाहिए।

विजयन ने कहा, “सत्ता की सीटों पर जबरन कब्ज़ा करने की नीयत रखने वालों को विरोध का सामना करना ही पड़ेगा, लेकिन जो बात मायने रखती है वह यह है कि ऐसे लोग इन स्थितियों पर किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं। क्या लोग अपनी कार से बाहर निकलते हैं और एफआईआर की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हैं? यह काम पुलिस का है। पुलिस को अपना काम करने दीजिए।''

शनिवार सुबह खान यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर एक समारोह में जा रहे थे। जब उनका काफिला नीलामेल पहुंचा तो करीब दो दर्जन एसएफआई सदस्य सड़क किनारे काले झंडे लहराते और नारे लगाते दिखे।

यह देखकर खान ने अपनी कार रोकी और पुलिस के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।

फिर वह सड़क किनारे चाय की दुकान से लाई गई एक कुर्सी पर बैठ गए और अपने सचिव मोहन से तुरंत पुलिस आयुक्त को बुलाने के लिए कहा।

करीब 90 मिनट बाद पुलिस ने उन्हें बताया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गैर-जमानती आरोपों के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।.

इसके बाद राज्यपाल उठकर उस कार्यक्रम के लिए चले गए, जहां वह मुख्य अतिथि थे।

विजयन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि खान के हालिया कृत्यों को देखते हुए उन्हें यह बताने की जरूरत है कि उन्हें अधिक परिपक्व तरीके से व्यवहार करना होगा और चीजों को अधिक संतुलित तरीके से संभालना होगा।

विजयन ने यह भी संदेह जताया कि हो सकता है खान ने अपने लिए सीआरपीएफ सुरक्षा कवर मांगा हो, इसलिए उन्‍हें दिया गया हो।

हालांकि, बेंगलुरु रवाना होने से ठीक पहले मीडिया से बात करते हुए खान ने कहा था कि उन्होंने सीआरपीएफ सुरक्षा कवर नहीं मांगा था।

उन्होंने कहा, ''मैंने कोई सुरक्षा कवर नहीं मांगा है। जब मैं 35 साल का था, तब से ही मैंने अपने जीवन पर कई हमले देखे हैं। मैं अब 72 साल का हूं जो राष्ट्रीय औसत से ऊपर है... इसलिए मैं अब उधार के समय पर हूं। मैं किसी चीज से नहीं डरता।''

“यह केंद्र का निर्णय है। मैंने केवल सूचित करने का अपना कर्तव्य निभाया, हो सकता है कि केंद्र को राज्य सरकार पर भरोसे की कमी हो।''


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