मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गुना को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के 69 वें गणतंत्र दिवस पर यहां आयोजित भव्य और गरिमामय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और गुना को स्मार्टसिटी बनाने की घोषणा की

गुना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के 69 वें गणतंत्र दिवस पर यहां आयोजित भव्य और गरिमामय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और गुना को स्मार्टसिटी बनाने की घोषणा की।
श्री चौहान ने 69 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहाँ लाल परेड ग्राउण्ड में तिरंगा फहराया और उन्होंने परेड की सलामी ली।
उन्होंने यहां उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गणतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और मैं जनता का प्रमुख सेवक हूँ। मेरे लिए मेरी साढ़े सात करोड़ जनता ही भगवान है।
उन्होंने कहा कि डेढ़ दशक पहले मध्यप्रदेश की पहचान बीमार राज्य के रूप में हुआ करती थी, लेकिन आज आपके प्रयास से प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत है।
कृषि विकास दर के मामले में प्रदेश अग्रणी है। प्रदेश को लगातार पांच बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ है। हमें अब और आगे जाना है।
प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है, डेढ़ लाख कि.मी. की सड़कें बन चुकी हैं। प्रदेश सरकार ने 24 घंटे बिजली देने का प्रयास किया है।
सिंचाई संसाधनों में लगातार वृद्धि की गई है। अगले साल तक सिंचाई सुविधा बढ़कर 60 लाख हेक्टेयर हो जाएगी।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार बिजली, पानी, सड़कों के विस्तार के लिए तेजी से कार्य कर रही है।
गरीबों के विकास का एजेंडा बनाया गया है।
प्रदेश में किसी भी गरीब को भूखे नहीं सोने दिया जाएगा। सरकार गरीबों को 1 रूपयें किलो गेहूं और चावल दे रही है।
गरीबों को पांच रूपये में भरपेट भोजन देने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के गरीबों के पास भी जमीन होगी।
इसके लिये जमीन और मकान का मालिक बनाने का अभियान चलाया जाएगा। वर्ष 2022 तक कोई भी गरीब बगैर पक्के मकान के नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि बारहवीं में 85 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप दिए जाएंगे और बारहवीं में 70 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट या सरकारी मेडीकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक कॉलेज, लॉ कॉलेज में एडमिशन के लिए फीस राज्य सरकार भरेगी।
गरीब, मध्यमवर्गीय नागरिकों के इलाज के लिए प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क दवाइयों की व्यवस्था की है।
राज्य बीमारी सहायता कोष से इलाज की व्यवस्था के लिये जिला स्तर पर दो लाख रूपये तक का अधिकार सरकार ने दिया है।
हृदय में छेद वाले बच्चों के लिए बाल हृदय उपचार योजना संचालित की जा रही है। अब सरकारी नौकरी वाली और आयकर अदा करने वाली बहनों को छोड़कर सभी बहनों को पेंशन दी जाएगी।


