मुख्यमंत्री से करूंगा मुलाकात : सिंहदेव
तिल्दा किसान राईस मिल घोटाले मामले में नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात कर मामले की शिकायत करने की बात कही है
तिल्दा नेवरा। तिल्दा किसान राईस मिल घोटाले मामले में नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात कर मामले की शिकायत करने की बात कही है । उन्होंने कहा कि किसी भी राईस मिल को चलाने के लिये जो बिजली की खपत सामान्यत: होती है वह भी तिल्दा किसान मिल में नही हुई है । फिर भी हर साल यहां से मिलिंग हो रही है, जो की मिल मे हुई धांधली को प्रमाणित करता है। मामला बहुंत गंभिर है और इसमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ।
उन्होने कहा कि हम मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर उन्हे मामले से अवगत करायेंगे और लिखित में शिकायत भी करेंगें। हम उम्मिद करते हैं कि मामले में जल्द ही साकारात्मक कदम उठाये जांयेंगे और जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी। भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष अनिल अग्रवाल द्वारा किसानों के अंशदान से चलने वाली सहकारी संस्था किसान राइस मिल को फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी नेवरा के नाम पर विगत कई वर्षों से लीज पर लिया जा रहा है तथा मिल को बंद रखकर फर्जी कस्टम मिलिंग दिखा कर शासन को करोड़ो का नुकसान पहुँचाया जा रहा है। किसान राइस मिल घोटाले को लेकर रोज नए नए खुलासे हो रहें हैं. कुछ दिनों पूर्व शिकायतकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत किसान राइस मिल के पिछले आठ वर्षों का बिजली बिल का रिकॉर्ड निकलवाया गया।
जिसमे साफ़ पता चलता है की वर्ष 2009-10 से वर्ष 2014 तक बिजली खपत बिलकुल नगण्य है अर्थात सिर्फ न्यूनतम बिल ही आया है किसी किसी माह में तो 0 यूनिट की खपत भी दिखाई गई है तो किसी महीने 20 यूनिट से 30 यूनिट की खपत दिखाई गई. वर्ष 2014 के बाद वहां भूसी पिसाई की मशीन लगाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को फर्म द्वारा किराये से दे दिया गया ताकि बिजली का मीटर घूमता रहे और फर्जी मिलिंग का कारोबार चलता रहे।
अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा और हुआ है की फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा किसान राइस मिल को लीज में लेकर, जिसका खाद्य विभाग में पंजीयन क्रमांक रू्र442229 है, पिछले आठ वर्षों में लगभग 160000.00 अक्षरी एक लाख साठ हजार क्विंटल धान की मिलिंग दिखा कर 107000 क्विंटल चावल जमा किया गया जिसके कस्टम मिलिंग एवं धान चावल के परिवहन की राशि एक करोड़ से भी ज्यादा फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा राज्य शासन से प्राप्त किया गया है।
क्षमता से दुगुनी तेजी से दिखाई गई मिलिंग
किसान राइस मिल नेवरा एक टन की क्षमता वाली राइस मिल है, लेकिन लीजी फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्रइटर अनिल अग्रवाल फर्जी मिलिंग में इतने लीन रहे की मिल की क्षमता पर ध्यान ही नहीं दिए और किसान राइस मिल की क्षमता से दुगुनी तेजी से मिलिंग दिखा कर उसका चावल एफ.सी.आई. एवं नान में जमा भी करा दिए। उदहारण स्वरुप वर्ष 2013-14 में दिसम्बर 2013 से फरवरी 2014 तक तीन माह में नियमानुसार अधिकतम 12000 क्विंटल ही धान की मिलिंग संभव है लेकिन अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा उक्त 3 माह में लगभग 22000 क्विंटल धान की मिलिंग दिखाकर उठाए गए धान के विरुद्ध 55 लॉट अर्थात14822.00 क्विंटल चावल एफ.सी.आई एवं नान मे उन्हीं 3 महीनों में जमा भी करा दिया गया।
शासन को सवा करोड़ का नुकसान पहुँचाया गया
पिछले 8 वर्षों से किये जा रहे फर्जी कस्टम मिलिंग में लीजी फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा लगभग 160000 क्विंटल धान की मिलिंग दिखाई गई है, मतलब अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा 160000 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग के लिए शासन से लगभग पचहत्तर लाख रुपये प्राप्त किया गया तथा धान एवं चावल परिवहन के लिए लगभग चालीस लाख रुपये प्राप्त किया गया। इस तरह इन आठ वर्षों में लगभग एक करोड़ से सवा करोड़ का चुना शासन को लगाया गया
धान एवं चावल दोनों की अफरा तफरी की गई
बताया जाता है की किसान राइस मिल को लीज में लेकर फर्म अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा शासन के धान को सोसाइटी एवं संग्रहण केन्द्रों से उठाकर खुले बाजार में ऊँचे दर पर बेच दिया गया और कम दर पर बाजार से रीसाइक्लिंग वाला चावल खरीदकर अथवा राशन के चावल की अफरा तफरी करके एफ.सी.आई. एवं नान में जमा कराया गया. उल्लेखनीय है की वर्ष 2009-10 से वर्ष 2016-17 के बीच लगभग हर वर्ष तिल्दा नेवरा बेस डिपो के राशन परिवहन का ठेका भी अनिल अग्रवाल द्वारा अपने रिश्तेदार के नाम से लिया जाता रहा है।
यदि सूक्ष्मता से राशन परिवहन में प्रयुक्त वाहनों एवं अग्रसेन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा एफ.सी.आई एवं नान में जमा कराए गए चावल में प्रयुक्त वाहनों की जांच की जाए तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं.


