मुख्यमंत्री ने किया नए एमपी भवन का उद्घाटन, यहां रुक सकेंगे ये लोग
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में 150 करोड़ की लागत से बनाए गए मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन किया

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली में 150 करोड़ की लागत से बनाए गए मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम ने पूजा-पाठ करा रहे पंडित जी के साथ खुद भी मंत्रोच्चार किया।
5 स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लैस ये भवन 5,889 वर्ग मीटर क्षेत्र (1.2 एकड़) में फैला है। मध्यप्रदेश भवन आगामी 30 से 40 साल की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है।
नए भवन में प्रदेश की संस्कृति, परंपराएं, जीवन मूल्य, आस्थाएं, महापुरुषों के जीवन, प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य समेत सांची, खजुराहो, मांडू, उज्जैन, ओंकारेश्वर, अमरकंटक, ओरछा, सहित महत्वपूर्ण स्थलों की छटा भी दिखाई दे रही है।
यह लोग रुक सकेंगे यहाँ
प्रदेश के राजपत्रित अधिकारी-कर्मचारियों को दिल्ली में प्रवास के दौरान रुकने की सुविधा मिलेगी।
मध्यप्रदेश से दिल्ली जाने वाले गंभीर मरीजों और उनके परिजन रुक सकेंगे।
सिविल सर्विस के एग्जाम देने जाने वाले परीक्षार्थी ठहर सकेंगे।
ऐसे अफसर, जो परिवार समेत दिल्ली गए हैं, उन्हें रुकने के लिए सिर्फ एक रूम ही अलॉट होगा।
कमरे उपलब्ध न होने पर रूम शेयर भी करना पड़ सकता है।
मप्र भवन में ठहरे अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि के जाने के बाद उस रूम में ठहरे परिवार के सदस्यों को अगले 24 घंटे तक ही ठहरने की सुविधा मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों को एक बार की ट्रिप में अधिकतम 7 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इससे ज्यादा समय में रुकने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी लेनी होगी।
वीवीआईपी के लिए आवासीय आयुक्त मप्र भवन के कमरों को रिजर्व कर सकते हैं।
देश, विदेश में आपदा के समय मप्र के नागरिकों को दिल्ली में ठहरने के लिए मप्र जाने तक रुकने की अनुमति ट्रांजिट अकॉमोडेशन की सुविधा फ्री मिलेगी।
उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा- जब इसे बनाने की योजना बनी, तो हमने तय किया कि 108 कमरे बनने चाहिए। असल में 108 का अंक योग शास्त्र में परिपूर्णता का प्रतीक है।
ये अंक ब्रह्मांड और एकमेव होने का उदाहरण है। ये भवन केन्द्र और राज्य के सह अस्तित्व की भावना को फलीभूत करेगा। कला और सांस्कृतिक धरोहरों को कोलाज, मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है।
पहली मंजिल पर स्वतंत्रता नायक, आदिवासी लोक कला, सिरेमिक और मैटल वर्क से दिखाया गया है। कोशिश होगी कि मंत्री, सांसद, विधायक के साथ ही राज्य के नागरिकों को भी जरूरत पर लाभ मिल सके।


