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मुख्यमंत्री ने 'कम्यूनिटी किचन' नहीं शुरू करने वाले जिलों की सूची मांगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि जिन जिलों में अब तक 'कम्यूनिटी किचन' शुरू नहीं हुए हैं, मुख्य सचिव वहां के जिलाधिकारी (डीएम) से बात कर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।

मुख्यमंत्री ने कम्यूनिटी किचन नहीं शुरू करने वाले जिलों की सूची मांगी
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लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि जिन जिलों में अब तक 'कम्यूनिटी किचन' शुरू नहीं हुए हैं, मुख्य सचिव वहां के जिलाधिकारी (डीएम) से बात कर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।

मुख्यमंत्री योगी आज यहां अपने आवास पर टीम 11 के अधिकारियों से साथ बैठक कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में अब तक कम्यूनिटी किचन शुरू नहीं हुए हैं, ऐसे डीएम की सूची हमें उपलब्ध कराएं। भोजन वितरण के कार्य में गांवों में प्रधानों के अलावा नगर निकायों में पार्षदों और अन्य कर्मचारियों की भी इसमें मदद लें। एलपीजी सिलेंडर, दवा और जरूरी सामान हर किसी को मिलनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, "कंट्रोल रूम में अगर कोई फोन नहीं उठा रहा है तो उसके खिलाफ एफआईआर कर उसे बंद कर दें। जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देश दें कि अगर कोई राशन नहीं मिलने की शिकायत करता है तो तुरंत उसका राशनकार्ड बनाने के साथ राशन और 1000 रुपये की मदद उस तक पहुंचाएं। सीएम हेल्पलाइन पर जिन जिलों की शिकायतें सर्वाधिक आ रही हैं उनकी खुद निगरानी करने के साथ सूची भी मुझे उपलब्ध कराएं।"

योगी ने कहा, "लॉकडाउन के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का जानबूझकर उल्लंघन या अराजकता फैलाना सोची-समझी साजिश है। ऐसे लोगों के साथ बेहद सख्ती से पेश आएं। तबलीगी जमात में शामिल हर किसी की धर-पकड़ करें। सबके मोबाइल जब्त कर कॉल डिटेल की जांच करें। उनके सभी सामानों की भी बारीकी से जांच करें। कुछ भी आपत्ति जनक मिलने पर उनको जब्त कर लें। जिन जगहों पर ऐसे लोग ठहरे हैं, उनकी सफाई और सेनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दें।"

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन खुलने के बाद की कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने टाइमिंग और सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। यह भी कहा कि प्रदेश की सीमाएं अंतर्राष्ट्रीय, अंतर्राज्यीय और अंतरजनपदीय हैं। इन जगहों से होने वाले मूवमेंट का भी ध्यान देना होगा।

उन्होंने कहा, "लॉकडाउन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की भरपाई के लिए अभी से राज्य, जिला स्तरीय बैंकर्स से बात कर रणनीति तैयार करें। रोजगार मेला, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद और माटी कला बोर्ड आदि के जरिए क्या हो सकता है,इसकी भी रणनीति बना लें। ताकि हालात सामान्य होते ही इन पर अमल किया जा सके।"


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