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पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश ने हिंदू मंदिर पर भीड़ के हमले पर लिया संज्ञान

 पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) गुलजार अहमद ने गुरुवार को पंजाब प्रांत में रहीम यार खान जिले के भोंग गांव में एक हिंदू मंदिर पर एक उग्र भीड़ द्वारा किए गए हमले का संज्ञान लिया है

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश ने हिंदू मंदिर पर भीड़ के हमले पर लिया संज्ञान
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नई दिल्ली/रहीम यार खान। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) गुलजार अहमद ने गुरुवार को पंजाब प्रांत में रहीम यार खान जिले के भोंग गांव में एक हिंदू मंदिर पर एक उग्र भीड़ द्वारा किए गए हमले का संज्ञान लिया है। शीर्ष न्यायाधीश ने इस घटना का संज्ञान तब लिया, जब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य रमेश कुमार वांकवानी, जो पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक-इन-चीफ भी हैं, उन्होंने गुरुवार को इस्लामाबाद में सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश अहमद से मुलाकात की और मंदिर पर हुए हमले के मुद्दे पर चर्चा की।

पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश ने इस दुखद घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने इस्लामाबाद में 6 अगस्त (शुक्रवार) को अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए मामला तय किया और पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को एक रिपोर्ट के साथ सुनवाई के लिए पेश होने का निर्देश दिया।

बयान में कहा गया है कि वांकवानी को भी तलब किया गया है।

द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना रहीम यार खान शहर के भोंग कस्बे में बुधवार को हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना तब घटी, जब कथित तौर पर एक स्थानीय मदरसा में पेशाब करने वाले नौ वर्षीय हिंदू लड़के को जमानत मिलने के बाद सैकड़ों लोगों ने मंदिर में तोड़फोड़ शुरू कर दी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तोड़फोड़ के अलावा, भीड़ ने सुक्कुर-मुल्तान मोटरवे (एम-5) को भी अवरुद्ध कर दिया।

उपायुक्त खुरम शहजाद और जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज के शहर का दौरा करने के बाद बुधवार देर शाम को स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला प्रशासन ने इलाके में रेंजरों को तैनात किया।

दारुल उलूम अरब तालीमुल कुरान के एक मौलवी हाफिज मुहम्मद इब्राहिम की शिकायत पर, भोंग पुलिस ने नाबालिग लड़के के खिलाफ धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के साथ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा रखना) के तहत मामला दर्ज किया था।

सूत्रों ने कहा कि कुछ हिंदू बुजुर्गों ने मदरसा प्रशासन से माफी मांगते हुए कहा कि आरोपी नाबालिग था और मानसिक रूप से विक्षिप्त था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से आगे कहा गया है कि लेकिन, जब कुछ दिन पहले एक निचली अदालत ने उसे जमानत दे दी, तो बुधवार को कस्बे में कुछ लोगों ने जनता को उकसाया और विरोध में सभी दुकानों को बंद कर दिया।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें लोगों को लाठी और रॉड से मंदिर पर हमला करते और उसके कांच के दरवाजे, खिड़कियां, लाइट तोड़ने के साथ ही छत के पंखे को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाया गया है।

बाद में प्रदर्शनकारियों ने एम-5 मोटर मार्ग को भी तीन घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया।

जिला पुलिस प्रवक्ता अहमद नवाज चीमा ने कहा कि अशांत इलाके में रेंजरों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है।

पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित देर से जवाब देने के बारे में सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी पुलिस शहीद दिवस समारोह में शामिल होने में व्यस्त थे।


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