Top
Begin typing your search above and press return to search.

रिजर्व बैंक के दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से क्यों डर रही सरकार: चिदंबरम

पी चिदंबरम ने नोटबंदी को नैतिक फैसला बताने के वित्त मंत्री अरूण जेटली के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि सरकार अपने इस फैसले को लेकर इतनी आश्वस्त है

रिजर्व बैंक के दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से क्यों डर रही सरकार: चिदंबरम
X

नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नोटबंदी को नैतिक फैसला बताने के वित्त मंत्री अरूण जेटली के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि सरकार अपने इस फैसले को लेकर इतनी आश्वस्त है तो इससे जुड़े रिजर्व बैंक के दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से क्यों डर रही है ।

चिदंबरम ने नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने के मौके पर आज एक के बाद कई ट्वीट करके कहा कि सरकार को पारदर्शिता के लिए आरबीआई बोर्ड के एजेंडे और उससे जुड़े दस्तावेजों तथा आरबीआई के पूर्व गर्वनर डा रघुराम राजन के नोट को सार्वजनिक करना चाहिए । उन्होंने श्री जेटली को चुनौती देते हुए कहा कि यदि सरकार नोटबंदी के फैसले को लेकर आश्वस्त है तो ये दस्तावेज जारी करने से वह क्यों कतरा रहे है ।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का कहना है कि नोटबंदी से कालेधन का सफाया हो गया लेकिन जिस कालेधन के सफाये की बात कही जा रही है वह गुजरात विधानसभा के चुनाव के दौरान लोेगों को साफ -साफ दिखायी देने लगेगा। मोदी सरकार का यह भी कहना है कि नोटबंदी के बाद पुराने नोट बदलकर कालेधन को सफेद किया गया । अगर ऐसा हुआ तो यह सुविधा किसने दी । जाहिर है कि यह सुविधा इसी सरकार ने दी ।

नोटबंदी को नैतिक बताने के लिए जेटली पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या देश की करोड़ों जनता खासकर 15 करोड़ दिहाड़ी मजदूरों पर कहर बरपाना नैतिक कदम है । सूरत ,भिवंडी,मुरादाबाद ,आगरा ,लुधियाना और तिरपुर जैसे फलते -फूलते औद्योगिक केंद्रों को नष्ट करना क्या नैतिक है। हजारों की संख्या में सूक्ष्म एवं छोटे उद्योगों को बंद होने पर मजबूर करना क्या नैतिक है ।
उन्होंने कहा कि क्या कोई इस बात से इंकार कर सकता है कि नोटबंदी के कारण लोगों की जानें गयीं , छोटे उद्योग -धंधे बंद हुए और लोगों का राेजगार चला गया ।

पूर्व वित्त मंत्री ने ब्रिटिश समाचार एजेंसी बीबीसी की उस खबर का भी हवाला दिया है जिसमें उसने कहा था कि मोदी के नकदी के दांव ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है । उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या बीबीसी भी कालाधन और भ्रष्टाचार की समर्थक है ।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it