चिदंबरम ने भारतीय कंपनियों के विदेशी हाथों में जाने का अंदेशा जताया
कांग्रेस ने अाज राज्यसभा में कहा कि दिवाला एवं शोधन संहिता 2016 में सरकार के प्रस्तावित संशोधनों से भारतीय कंपनियों के विदेशी हाथों में जाने का अंदेशा पैदा हो गया है

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने अाज राज्यसभा में कहा कि दिवाला एवं शोधन संहिता 2016 में सरकार के प्रस्तावित संशोधनों से भारतीय कंपनियों के विदेशी हाथों में जाने का अंदेशा पैदा हो गया है और यह संहिता अपने मूल उद्देश्य से भटक सकती है।
कांग्रेस सदस्य एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राज्यसभा में दिवाला एवं शोधन (संशोधन) विधेयक 2017 पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि विधेयक का कांग्रेस समर्थन करती है लेकिन सरकार ने इसमें कुछ विसंगतियां छोड़ दी है जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में दिवाला एवं शोधन (संशोधन) विधेयक 2017 सदन में पेश किया। इसका उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों और संस्थानों को दिवालिया घोषित की गयी कंपनियों की परिसंपत्तियों को खरीदने से रोकना है जिनके कारण संबंधित कंपनी दिवालिया की स्थिति में पहुंची गयी हो। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और यह 23 नवंबर को जारी किए दिवाला एवं शोधन अध्यादेश 2017 का स्थान लेगा।
चिदंबरम ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में दिवालिया घोषित कंपनी की परिसंपत्ति को खरीदने की शर्तों की एक लंबी सूची तैयार की गयी है। इनसे भारतीय कारोबारियों और उद्योगपतियों के लिए इन कंपनियों को खरीदना मुश्किल हो गया है जबकि विदेशी कंपनियों पर ऐसी कोई बंदिश नहीं है। इससे भारतीय कंपनियों के विदेशी हाथों में जाने का खतरा पैदा हो गया है।


