चिदंबरम ने जीएसटी लक्ष्यों में बदलाव पर उठाए सवाल
पी. चिदंबरम ने जीएसटी प्रणाली के घोषित लक्ष्यों में किए गए बदलाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे क्यों बदला जा रहा है

नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के घोषित लक्ष्यों में किए गए बदलाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसे क्यों बदला जा रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने लगातार ट्वीट करते हुए कहा, "कल तक जीएसटी की एकल मानक दर एक बेवकूफाना विचार था। कल से यह सरकार का घोषित लक्ष्य है।"
Until yesterday a single standard rate of GST was a stupid idea. Since yesterday, it is the declared goal of the government!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2018
उन्होंने कहा, "कल तक जीएसटी की उच्चतम दर 18 फीसदी अव्यवहारिक थी। कल से कांग्रेस पार्टी की 18 फीसदी उच्चतम दर की वास्तविक मांग सरकार का घोषित लक्ष्य हो गई है।"
Until yesterday capping GST at 18 per cent was impracticable. Since yesterday, the Congress party's original demand of an 18 per cent cap is the declared goal of the government!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2018
उन्होंने कहा, "कल तक, मुख्य आर्थिक सलाहकार की मानक दर को 15 फीसदी करने की आरएनआर रिपोर्ट कूड़ेदान में थी। कल इसे निकाला गया और विदेश मंत्री की मेज पर पेश किया गया और तुरंत स्वीकार कर लिया गया।"
Until yesterday, the Chief Economic Adviser's RNR report to fix the standard rate at 15 per cent was in the dustbin. Yesterday it was retrieved and placed on the FM's table and was promptly accepted!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2018
पूर्व वित्त मंत्री ने ये ट्वीट वित्त मंत्री अरुण जेटली के सोमवार को यह संकेत देने के दो दिनों बाद ही किए हैं कि देश में अंतत: जीएसटी की मानक दर एक ही हो सकती है। उन्होंने कहा था कि जल्द ही लग्जरी और 'सिन गुड्स' को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं पर 28 फीसदी जीएसटी स्लैब खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में यह भी कहा कि मानक दर 12 से 18 फीसदी के बीच हो सकती है।
जेटली का जीएसटी ब्लॉग तीन हिंदी भाषी राज्यों - छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम आने के एक पखवाड़े के बाद आया है। 2019 के आम चुनाव से कुछ महीनों पहले आए ये चुनाव परिणाम केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नहीं रहे थे।


