छत्तीसगढ : नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदाताओं से अधिक पुलिस
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद ने बताया कि बाहर से आने वाले सुरक्षा बलों को सबसे ज्यादा खतरा यहां लगायी बारूदी सुरंगें हैं

बीजापुर। छत्तीसगढ के बीजापुर जिले में नक्सल प्रभावित कई गांव ऐसे हैं, जहां मतदाताओं से कहीं अधिक सुरक्षाकर्मियों की संख्या है, जो मतदाताओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले की भोपालपटनम तहसील के मटटीमारका मतदान केन्द्र का परिवर्तन ग्राम बाडला में किया गया है।
इसी तरह नेतिवाड़ा के 44 मतदाताओं के लिए, और नेतिकाकलुर के 55 मतदाताओं के लिए भोपालपटनम में मतदान केन्द्र बनाया गया है। यहां मतदाताओं को सात किलो मीटर पैदल चलकर मतदान करना पडेगा। हालांकि दोनों गांवों के मतदाता भोपालपटनम में बसे होने की बात कही गयी है।
इसके बावजूद कई परिवार नेतिकाकलुर और नेतिवाड़ा मे बसे हुये हैं। यहां के 25 मतदाता और नेतिवाड़ा के 19 मतदाता सात किलो मीटर की दूरी पैदल चलकर पूरा करेंगे।
मिटटीमारका मतदान दल को दो दिन पहले रवाना किया जायेगा। बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में 15 से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां मतदान दल को 15 से 20 किलो मीटर की दूरी पेैदल चलना होगा, जिसमें बेताबोगड़ा, मगनार, छोटे तुमनार, बिरिया भूमि, इदेर, कांदलनार, बाकेल, थुलथुली गांव शामिल हैं।
इन इलाकों में केन्द्रीय रिजर्व फोर्स की कई बटालियन तैनात किये जाएंगे और इन मतदान दल की डोन से निगरानी रखी जायेगी। यह इलाका चुनौति पूर्ण है।
नक्सलियाें ने सुरक्षा बलों को का नुकसान करने के लिए जगह-जगह आईआईडी लाग रखे हैं। ‘इंडक्शन’ के दौरान सुरक्षा बलों को इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
बचने के उपाय एवं सावधानियां बतायी जा रही है। बाहर से आने वाले जवानो को कैंप में तैनात बल के अलावा डीआरजी और स्थानीय पुलिस जवानों के साथ भेजा जायेगा।
ताकि भगौलिक स्थिति को जानने वाले जवान नए जवानो को रास्ता बता सकें। सहयोग कर सकें।
श्री सिंन्हा ने आगे बताया कि इस बार बूथ वांलिटियर की सेवा ली जायेगी। इसके लिए गांव का प्रोफाइल तैयार किया है।


