छत्तीसगढ राज्य में गौ सेवा एवं जैविक कृषि की संभावना : यदु
छग राज्य में कृषक पशुओं के संरक्षण ,संवर्धन ,गौशालाओ के विकास एवं राज्य में कृषिक पशुओं के हित संबंधित कार्यो को करने के लिये छग राज्य गौसेवा आयोग का गठन 3 मार्च 2013 में किया गया.....
भाटापारा। छग राज्य में कृषक पशुओं के संरक्षण ,संवर्धन ,गौशालाओ के विकास एवं राज्य में कृषिक पशुओं के हित संबंधित कार्यो को करने के लिये छग राज्य गौसेवा आयोग का गठन 3 मार्च 2013 में किया गया । छग राज्य गौ सेवा आयोग की स्थापना के समय छग राज्य में 23 गौषालाएं पजीकृत थी जो आज बढकर 108 हो गयी है । वर्ष 2016-17 में 15 गौषालाओ का पंजीयन किया गया है । गौसेवा आयोग व्दारा गौषालाओं का पंचगव्य संचय, प्रसंस्करण एवं उत्पादन का कार्य किये जाने के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है । गौषालाओ को बायो कम्पोस्ट व वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन के लिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है । गौषालाओं में उत्पन्न जैविक खाद को आसपास के ग्रामों में विक्रय कर आसपास के ग्रामों को जैविक खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है ।
उक्त बातें एक प्रेस विज्ञप्ति में छग राज्य गौ सेवा के सदस्य रमेष यदु ने कही । श्री यदु ने बताया कि छगषासन के मुखिया डॉ रमनसिंह ,कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ,संसदीय सचिव तोखन साहू एवं आयोग के अध्यक्ष विषेषर पटेल के नेतृत्व में आयोग श:नय श:नय आगे बढ रही है । इसी का परिणाम है कि गौसेवा के क्षेत्र में हम आगे बढ रहे है । मुख्यमंत्री जी और कृषि मंत्री ने गौषालाओं को सृदृढ बनाने के लिये प्रत्येक गौषाला को 20 लाख की राषि अनुदान स्वरूप देने की व्यवस्था की साथ ही छग में सभी विकास खंडो में नवीन गौषालाओ के निर्माण के लिये जमीन चिन्हाकन हेतु कलेक्टरो को निर्देषित किया गया है । जिसका परिणाम है मुंगेली एवं धमतरी जिला में भूमि का आबंटन हो चुका है तथा महासमुंद रायपुर राजनांदगांव कबीरधाम बालोद ,बेमेतरा ,रायगढ, बिलासपुर, कोरबा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर,नारायणपुर,जषपुर, सरगुजा, सूरजपूर, बलरामपुर, एवं कोरिया में जमीन चिन्हांकित कर दी गयी है । आबंटन की प्रक्रिया चल रही है तथा बलौदाबाजार गरियाबंद, जांजगीर चांपा, दुर्ग बस्तर कोंडागांव ,व दंतेवाडा के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नही दिया इसी तरह कृषि पषु संरक्षण परिसर जो कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग एवं राज मार्ग में बनना तय हुआ है । जिसमें रोड में होने वाले एक्सीडेंट व लावारिस घूमने वाले घुतंतु मवेषियों को रखने की व्यवस्था की गई है इसके लिये भी जमीन आबंटन किये जाने हेतु कलेक्टरो को पत्र लिखा गया है ।
जिमसें प्रमुख रूप से इन स्थानो पर रायपुर बलरामपुर कबीरधाम, दंतेवाडा, व जषपुर में जमीन हस्तांतरित कर दी गयी है तथा कबीरधाम महासमुुंद में चिन्हांकित किया गया है । इसी तरह 2016-17 में 88 गौषालाओं को 793.35 लाख रू. का आबंटन अनुदान राषि स्वीकृत की गई है । श्री यदु ने कहा कि छग राज्य में 108 पंजीकृत गौषालायें है जिसमें 88 गौषालायें संचालित है । जिसमें 25713 मवेषियों की सेवा हो रही है । इस संरक्षित पषुओं के गोबर ,गौमूत्र का उपयोग कर छग राज्य में जैविक क्रांति लाने के लिये प्रयास किया जा रहा है।वर्तमान समय में वर्ष 2016-17 के प्रारंभ में लगभग 20 गौषालाओं में जैविक खाद तथा 7 गौषालाओं में पंचगव्य का उत्पादन हो रहा है । उपरोक्त कार्यो को गति प्रदान करने के लिये गौषालाओं प्रबंधन एवं स्वालंबन हेतु पषुपालको गौषाला प्रतिनिधियों को छग राज्य गौसेवा आयोग व्दारा निम्नानुसार प्रषिक्षण हेतु नागपुर स्थित देवलापुर गौषाला में दिया जा रहा है तथा प्रत्येक माह किसानो को प्रषिक्षण के लिये भेजने की व्यवस्था आयोग अपने स्वयं के साधन से कर रही है जिसका विवरण इस प्रकार है - रविषंकर गौवंष विकास एवं शोध संस्थान धनेली रायपुर में ,प्रषिक्षणार्थियों की संख्या 306, 2-गौ विज्ञान अनुसंधान केन्द्र देवलापार नागपुर प्रषिक्षण में 123 प्रषिक्षणार्थियों को, स्वामी भजनानंद आदर्ष गौषाला केन्दई जिला कोरबा में 89 एवं इंदिरा गांधी कृषि विष्वविदयालय कम्युनिटी हाल रायपुर मे 203 प्रषिक्षणार्थियों को प्रषिक्षण दिया गया ।
श्री यदु ने आगे कहा कि गौषालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रत्येक माह के 10 तारीख को गौषाला प्रतिनिधियों की गौषाला प्रबंधन एवं स्वावलंबन हेतु परिचर्चा का आयोजन किया जाता है वर्तमान में छग राज्य गौसेवा आयोग का प्रयास है कि वर्ष 2017-18 के अंत तक सभी पंजीकृत गौषालाओं को गौ आधारित जैविक कृषि प्रषिक्षण केन्द्र के रूप में उन्नत किया जावेगा । इस प्रकार प्रत्येक गौषाला अपने समीप के 5-10 ग्रामो को गोद लेकर गौ आधारित जैविक खेती का प्रषिक्षण दिया जावेगा । छग राज्य में कृषिक पषु परिक्षण अधिनियम 2004 एवं नियम 2014 के अंतर्गत पशु तस्करी के दौरान वर्ष 2016-17 में 109 प्रकरण दर्ज किये गये तथा 249 आरोपियो को जेल भेजा गया व लगभग 2200 जब्त किये गये जिसे गौषालाओं में सुरक्षित रखा गया है । इसी तरह की संख्या 2200 आरोपी संख्ंया 249 एवं प्रकरण संख्या 109 है ।
इसी तरह कृषिक पषु परिक्षण अधिनियम 2004 अंतर्गज जब्त किये गये गौवंष तथा अपंग अपाहिज अनुत्पादक एवं दान से प्राप्त पषुओ के निर्भय और स्वंतत्र विचरण तथा उन्हें प्राकृतिक और स्वाभाविक वातावरण प्रदाय करने हेतु आदर्ष गौषाला गौअभयाराण्य तथा राष्ट्रीय गोकुल ग्राम झालम जिला बेमेतरा छग की स्थापना की गई गौअभयारण्य में देषी प्रजाति के गौवंष का संरक्षण एवं संवर्धन के साथ साथ पंचगव्य उत्पादो का निर्माण एवं जैविक खाद का उत्पादन भी किया जाना है । अंत में श्रीयदु ने कहा कि पषु परिक्षण अधिनियम के माध्यम से गौ तस्करी नही रूक सकती बल्कि इसके लिये जनता मे जागृति लाने का प्रयास किया जा रहा हे । जब जनता जागृत होगी तभी हमको सफलता मिलेगी उन्होने बताया कि गौसेवा एवं गौ तस्करी को रोकने के लिये जिला मुख्यालयों में बैठक कर गौ सेवको समाज सेवाी संस्थाओं एवं गौ भक्तो तथा गृहविभाग वन विभाग पंचायत विभाग कृषि विभाग के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस पुनीत कार्यो में सहयेाग करने की अपील की जा रही है । अभी तक जांजगीर बलरामरपुर सूरजपूर ,कोरिया,जषपुर, रायगढ धमतरी जिलो की बैठक संपन्न हेा चुकी है आने वाले समय में और जिलो की बैठक कर सहयोग लिया जावेगा ।
फोटो - रमेष यदु


