छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने किया तृतीय समयमान वेतन का लाभ देने की मांग
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, गरियाबंद जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर एवं राजिम अध्यक्ष यशवंत साहू ने तृतीय समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण

राजिम। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, गरियाबंद जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ठाकुर एवं राजिम अध्यक्ष यशवंत साहू ने तृतीय समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण के पश्चात 1 जनवरी 16 से लागू हुए सातवें वेतनमान में विकल्प लेने का प्रावधान करने एवं सहायक शिक्षक संवर्ग को तृतीय समयमान वेतन का लाभ देने की माँग राज्य शासन से किया है।
शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के सिविल सेवा के सदस्यों को तृतीय समयमान वेतन स्वीकृत करने का आदेश 08.08.2018 को जारी किया था, आदेश के अनुसार 01.01.2016 अथवा इसके बाद के स्थिति से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रभावशील किया था।
उन्होंने बताया कि 19 मई 2017 को छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवें वेतनमान) का अधिसूचना जारी हुआ था, जो कि 01.01.2016 से प्रभावशील है। उनका कहना है कि सातवें वेतनमान के विकल्प लेने के प्रपत्र में यदि तृतीय समयमान वेतन स्वीकृति तिथि से लेने का विकल्प का अवसर मिलता है, तो वेतन निर्धारण में आर्थिक लाभ मिल सकता है। उन्होंने बताया कि तृतीय समयमान वेतनमान को 01.01.2016 से लागू करने पिछले सरकार के आदेश से कर्मचारी-अधिकारियों के वेतन में मामूली वृद्धि हुआ है।
पिछले सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से तृतीय समयमान वेतन का देय तिथि 01.01.2016 किया था। यदि छटवें वेतनमान के स्थिति में इसे लागू किया जाता तो पे-बैंड में वेतन का 3: ग्रेड-पे के साथ जुड़कर 2.57 के गुणा के बाद प्राप्त वेतन को अनुसूची-एक में विनिर्दिष्ट वेतन मैट्रिक्स के प्रयोज्य लेवल में अधिक लाभदायक कोष्टिका में निर्धारित होता।
उन्होंने वर्तमान भूपेश सरकार से पिछले सरकार के कर्मचारी विरोधी निर्णय को सुधारने की माँग किया है कि तृतीय समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण के बाद, सातवे वेतनमान में वेतन निर्धारण का विकल्प लेने का प्रावधान करने राज्य शासन कर्मचारी हित में आदेश जारी करे।


