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छत्तीसगढ़ में बदल रही पुलिस, घर-घर दे रही दस्तक

आमतौर पर लोग छोटी मोटी समस्या सामने आने पर पुलिस थानों तक जाने से हिचकते हैं और कई बार यही समस्या बड़ा रुप ले लेती है

छत्तीसगढ़ में बदल रही पुलिस, घर-घर दे रही दस्तक
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रायपुर,आमतौर पर लोग छोटी मोटी समस्या सामने आने पर पुलिस थानों तक जाने से हिचकते हैं और कई बार यही समस्या बड़ा रुप ले लेती है। आमजनों को थाने न जाना पड़े और उनकी समस्या का निपटारा हो जाए, इसके लिए छत्तीगसढ़ के कोरबा जिले की पुलिस ने अभिनव प्रयोग किया है। यह बदलती पुलिस का संदेश है, जो घर-घर दस्तक दे रही है और लोगों की समस्याओं का निपटारा कर रही है। अपराध के बाद अपराधी को सजा न मिलने और समस्या का बेहतर समाधान न होने की बड़ी वजह पुलिस और आमजन की दूरी रही है। इस दूरी को कम करने की दिषा में कोरबा पुलिस की पहल चर्चाओं में हैं। कोरबा पुलिस ने इसके लिए 'तुंहर पुलिस तुंहर द्वार' कार्यक्रम शुरू किया है। इस अभियान में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल खुद गांव की गलियांे तक पहुंच रहे हैं और लोगों की समस्याओं को निदान किया जा रहा है। पुलिस आमजन को यह भी संदेश दे रही है कि रंग वही है मगर ढंग बदला है पुलिस का।

एसपी पटेल बीते रोज स्वयं बगबुड़ा गांव पहुंचे और उन्होंने गांव में पुलिसकर्मियों के साथ घर-घर दरवाजा खट-खटाकर ग्रामीणों की समस्याएं पूछीं। बगबुड़ा गांव में श्याम लाल ने बताया कि वह अपने घर के बगल में शासकीय मद से स्वीकृत शौचालय का निर्माण करवा रहा है, जिसे पड़ोसी ने जबरन रुकवा दिया है। साथ ही आरोप लगाता है कि यह पट्टे की जमीन है, जिस पर शौचालय बन रहा है। पीड़ित की शिकायत सुनकर एसपी पटेल ने स्वयं मौके पर जाकर मुआयना किया दोनों पक्षों एवं पंचों से बात कर मामले को आपस में सुलह करायी गयी।

पुालिस अधीक्षक पटेल का स्वयं ग्रामीण इलाके से वास्ता है और वे गांव के लोगों की समस्या से वाकिफ है। उन्होने आईएएनएस को बताया कि, गांव के लोगों के थाने तक आने में समय के साथ धन की बर्बादी न हो, समस्या का वास्तविक मौके पर ही समाधान हो और आमजन में पुलिस के प्रति भरेासा पैदा हो, यह विचार लंबे अरसे से मन में था और उसी को लेकर यह अभियान चलाया गया है ।

पुलिस अधीक्षक पटेल अपने अनुभव के आधार पर कहते हैं कि कई मामले ऐसे होते हैं, जब गवाह के अभाव में आरोपी बच जाता है, क्योंकि गवाह सामने आने से कतराता है। इन स्थितियों में अगर आमजन और पुलिस के बीच नजदीकी बढ़े व भरोसा हो जाए तो आरोपी को सजा दिलाना आसान हो जाएगा।

'तुंहर पुलिस तुंहर द्वार' अभियान के जरिए पुलिस घर-घर ऐसे पहुंच रही है। कार्यक्रम के अंतर्गत तीन वाहनों में पुलिसकर्मी गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के घर पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण कर रहे हैं।

एसपी ने बताया कि थानों में आमजनता के द्वारा की गई शिकायतों के निराकरण करने में समय लगता है, कई बार जनता पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं रहती है। इसलिए नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा, नगर पुलिस अधीक्षक र्दी एवम एसडीओपी कटघोरा के अधीन एक-एक मोबाइल वाहन तैनात किया गया है। वाहन में एक पुलिस अधिकारी और सहायक नियुक्त किया गया है जो सम्बंधित अनुविभागीय अधिकारी के अधीन कार्य करेंगे।

बताया गया है कि सम्बंधित पुलिस अनुविभागीय अधिकारी थानों में लम्बित शिकायतों की सूची की समीक्षा कर मोबाइल वाहन में तैनात अधिकारी को उस गांव में भेजेंगे, जहां शिकायतों की संख्या अधिक है या गम्भीर किस्म की शिकायत है। मोबाइल वाहन में तैनात अधिकारी उन गांवों में जाकर मौके पर दोनों पक्षों को बुलाकर शिकायतों का जांच करेंगे और पुलिस कार्यवाही योग्य मामलों में मौके पर ही अपराध दर्ज करेंगे।


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