छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष 31,493 मामलों का निपटान किया
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष में 31493 मुकदमों का निराकरण किया है,तथा इसके साथ ही अपने फैसलों की कॉपी हिन्दी में देने की भी शुरूआत कर दी

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष में 31493 मुकदमों का निराकरण किया है,तथा इसके साथ ही अपने फैसलों की कॉपी हिन्दी में देने की भी शुरूआत कर दी है।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल गौतम चौरडि़या ने आज यहां बताया कि वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की अधीनस्थ अदालतों में एक लाख 95 402 नये मामले पंजीकृत हुए थे,जबकि अधीनस्थ न्यायालयों में वर्ष 2017 में 30 लाख 84 हजार 838 मुकदमों का निपटारा किया गया।
इसके साथ ही उच्च न्यायालय में प्रत्येक शनिवार को आपराधिक मामलों के अपील प्रकरणों सुनवाई विशेष बेंच द्वारा की जा रही है।
विशेष बेंच द्वारा विधिक सहायता प्राप्त मामलों की सुनवाई विशेष रूप से की जा रही है।
उनहोंने बताया कि निचली अदालतों में स्पेशल लिस्ट प्रणाली की भी शुरूआत की गई है।इसके अंतर्गत तैयार प्रकरणों की प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है।
अत्यधिक अपरिहार्य कारणों को छोड़कर इस प्रणाली में सभी मामलों को लगातार सुनकर उनका निराकरण किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों तथा समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों के विरूद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई प्राथमिकता के साथ करने के लिए यूनिफॉर्म लिस्टिंग पॉलिसी भी शुरू की गई है।
श्री चौरडि़या ने बताया कि लोक अदालतों और राष्ट्रीय लोक अदालतों में 26 हजार 710 लंबित मामलों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया गया।
बीते वर्ष 2017 में लोक अदालतों में 183 करोड़ 63 लाख रूपए से ज्यादा के दावों और विवादों का निपटारा किया गया।
इस दौरान मध्यस्थता के जरिए कुल 534 मामले निपटाए गए।


