छत्तीसगढ़ सरकार ने गायों की मौत की न्यायिक जांच का ऐलान किया
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले पखवारे दुर्ग जिले की गौशालाओं में लगभग 300 गायों की हुई की मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक जांच का ऐलान किया है
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले पखवारे दुर्ग जिले की गौशालाओं में लगभग 300 गायों की हुई की मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक जांच का ऐलान किया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां इसकी जानकारी देते हुए बताया कि गौशालाओं में गायों की मौत के पूरे मामले की जांच के लिए एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है।
पूर्व प्रमुख सचिव विधि एवं सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के.सामंत रे इस मामले की जांच करेंगे। जांच आयोग तीन माह के भीतर रिपोर्ट राज्य शासन को सौंपेगा।
प्रवक्ता ने बताया जांच आयोग के लिए छह बिन्दु जिनमें कितने पशुओं की मृत्यु किन कारणों से हुई ? क्या उक्त घटना घटित होने से रोकी जा सकती थी ? घटना के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं ? घटना की पुनरावृत्ति न हो इस उद्देश्य से गौशालाओं के समुचित प्रबंधन हेतु क्या-क्या सुधार किए जाएं ? गौशाला पंजीयन एवं अनुदान तथा पर्यवेक्षण की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या-क्या सुधार किए जाएं ? गौशालाओं के प्रबंधन को अनवरत रूप से व्यवस्थित रखने के लिए विधि के प्रावधानों को किस प्रकार प्रभावी बनाया जाए? तथा जांच के दौरान अन्य लोक महत्व के बिन्दु जिनकी जांच करना आयोग आवश्यक समझे ? तय किए गए है।
उल्लेखनीय है कि गत 16 अगस्त को दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम राजपुर की शगुन गौशाला और 18 अगस्त को बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के ग्राम गोडमर्रा की फूलचंद गौशाला एवं ग्राम रानो की मयूरी गौशाला में लगभग 300 गायों की मौत हो गई थी।इन गौशालाओं को राज्य सरकार से अनुदान मिलता था।इनका संचालक सत्तारूढ़ भाजपा का नेता है।इसे लेकर राज्य सरकार की काफी किरकरी हो रही थी। विपक्षी दल इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना लग रहे थे।


