छग : मतदान के लिए बुजुर्गों के हौसलों से मजबूत हुआ लोकतंत्र
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को दूसरे और अंतिम चरण के तहत 72 सीटों के लिए मतदान हुआ

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को दूसरे और अंतिम चरण के तहत 72 सीटों के लिए मतदान हुआ। कहीं मशीनों की खराबी तो कहीं मतदाता सूची में नाम नहीं होने की शिकायतें आईं। सबसे अहम बात रही 100 पार कर चुकीं महिलाओं का मतदान केंद्र तक पहुंचना और लोकतंत्र के इस महापर्व पर विश्वास जताते हुए अपने मत का उपयोग करना। राज्य के कई हिस्सों से 100 पार कर चुकीं बुजुर्ग महिलाओं के मतदान केंद्रों तक पहुंचने से हर कोई उत्साहित रहा। इनमें कई महिलाएं तो ऐसी थीं, जो अपना नाम तक बताने की स्थिति में नहीं थीं, फिर उन्होंने मतदान केंद्र तक सहारों के साथ पहुंचकर लोकतंत्र की विश्सनीयता पर अपनी मुहर लगाई।
चिरमिरी, लुंड्रा और बैकुंठपुर में ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर सहज ही अहसास हुआ कि उम्र देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में बाधा नहीं बन सकती। बुजुर्ग मतदाताओं, खासकर महिला मतदाताओं की यह पहल ऐसे लोगों के लिए सबक है, जो मतदान केंद्र तक नहीं जाते।
छत्तीसगढ़ के चिरमिरी के गोदरी पारा प्रा.शा. विद्यालय बूथ नंबर 73 पर 113 साल की बुजुर्ग महिला ने मतदान किया, तो ग्राम पंचायत बदगरी लुण्ड्रा में 100 वर्ष की महिला ने मतदान किया। वहीं बैकुंठपुर के बूथ क्रमांक 90 शासकीय प्राथमिक शाला बासनपारा में 106 साल की महिला समुद्री पटेल ने मतदान किया। इसी तरह जशपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 53, पंडरापाट-4 में मीना ने एक दिन के नवजात शिशु के साथ जाकर मतदान किया।
यही नहीं शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांगों ने भी बढ़चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। कबीरधाम जिले के तीन हजार 958 दिव्यांग मतदाताओं में मतदान को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखा गया। सुबह से ही दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदान केंद्र तक पहुंचे। कबीरधाम जिले के 799 मतदान केंद्रों पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैम्प बनाया गया है। साथ ही उन मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने और घर तक पहुंचाने के लिए शासकीय वाहनों की व्यवस्था की गई थी।


