रेलवे स्टेशनों व रेल परिसर में मिलेंगी सस्ती दवाएं, खोले जाएंगे जनऔषधि केंद्र
आने वाले दिनों में रेलवे स्टेशन, रेलवे कालोनियों, रेलवे के दफ्तर, अस्पतालों आदि में भी जनऔषधि के स्टेार खुले हुए दिखेंगे

नई दिल्ली। आने वाले दिनों में रेलवे स्टेशन, रेलवे कालोनियों, रेलवे के दफ्तर, अस्पतालों आदि में भी जनऔषधि के स्टेार खुले हुए दिखेंगे। इस बाबत रेल मंत्री सुरेश प्रभु व केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्री अनन्त कुमार के बीच हुई आज बैठक के बाद दोनों मंत्रियों ने बताया कि जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना पर आम सहमति बन गई है और सैद्धांतिक मंजूरी के बाद अब समूची रूपरेखा तैयार की जाएगी। दोनों मंत्रालय के बीच करार होने के बाद ही यह नए स्टेार खोले जा सकेंगे।
अनंत कुमार ने बताया कि वर्ष 2014 में जनऔषधि के 88 केंद्र थे और आज 1640 केंद्र 450 जिलों में खुल चुके हैं व रेल मंत्रालय से करार होने के बाद रेलवे स्टेशन, वर्कशॉप, अस्पताल आदि में सस्ती दवा के लिए ये केंद्र खोले जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था है जो ब्रांड के अलावा सस्ती दवा खरीदना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाजार में ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड सहित तीन तरह की दवाएं बेची जाती हैं और तीनों का सॉल्ट एक हैं और उसी तरह बीमारी में असर भी एक जैसा ही है।
उन्होंने बताया कि देश में 12 हजार में से 1200 दवा निर्माता विश्व स्वास्थ्य संगठन से अच्छी कार्यशैली के लिए मंजूरी शुदा हैं और जनऔषधि की आपूर्ति इनसे की जा रही है। उन्होंने एक सवाल पर माना कि जीएसटी इन औषधि पर कम से कम असर हो यह प्रबन्ध करेंगे।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे ने इसके लिए सदस्य यातायात जमशेद को जिम्मेदारी दी है कि वे फार्मास्यूटिकल्स सचिव जयप्रिये प्रकाश के साथ समूची योजना को तैयार करें ताकि जल्द से जल्द ये जनऔषधि केंद्र खोले जा सकें।


