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बीजापुर में सीआरपीएफ की बड़ी सफलता- दो आईईडी बरामद और नष्ट

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने क्रिसमस के दिन वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की

बीजापुर में सीआरपीएफ की बड़ी सफलता- दो आईईडी बरामद और नष्ट
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क्रिसमस पर माओवादी साजिश नाकाम, जवानों ने बचाई कई जानें

  • 214वीं बटालियन की बहादुरी- घने जंगलों में गश्त से मिला विस्फोटक जाल
  • 20 किलो और 5 किलो के आईईडी सुरक्षित रूप से निष्क्रिय
  • सतर्कता से टली त्रासदी, बस्तर में शांति मिशन को मिला बल

रायपुर/बीजापुर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने क्रिसमस के दिन वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। सीआरपीएफ ने अशांत बीजापुर जिले में दो उच्च क्षमता वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद कर उन्हें निष्क्रिय करके एक संभावित विनाशकारी माओवादी हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यह अभियान फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) कंदलपर्ती-2 से शुरू किए गए नियमित माओवादी विरोधी क्षेत्र नियंत्रण अभ्यास के दौरान चलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ की 214वीं बटालियन की एक समर्पित टीम ने घने जंगलों में गश्त और तलाशी अभियान चलाया, जो माओवादियों का एक जाना-माना गढ़ है और जहां अक्सर घात लगाकर हमले और विस्फोटक जाल बिछाए जाते हैं।

बम पहचान एवं निरोधक (बीडीडी) दस्ते ने बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने के दौरान संदिग्ध वस्तुओं की पहचान की। पुलिस अधिकारियों ने आगे बताया कि उन्होंने दो घातक आईईडी (संक्रामक विस्फोट उपकरण) बरामद किए, एक का वजन 20 किलोग्राम और दूसरे का 5 किलोग्राम था। आईईडी को गश्त कर रहे सैनिकों या नागरिकों को निशाना बनाने के लिए बड़ी चालाकी से छिपाया गया था।

इसके अलावा, टीम ने काले तिरपाल में लिपटे एक डिब्बे में छिपाए गए 110 पटाखों के बंडल भी जब्त किए, जिन्हें आमतौर पर सूतली बम के नाम से जाना जाता है। माओवादी अक्सर इन सामग्रियों का इस्तेमाल विस्फोटक उपकरण बनाने के लिए करते हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए 214वीं बटालियन के बीडीडी विशेषज्ञों ने दोनों आईईडी को मौके पर ही सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया, जिससे आसपास के क्षेत्रों या कर्मियों को कोई खतरा नहीं रहा।

अधिकारियों ने सीआरपीएफ कर्मियों की सूझबूझ और बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि इस बरामदगी ने माओवादियों के नापाक मंसूबों को करारा झटका दिया है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हमारे जवानों की सतर्कता ने एक बार फिर एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया, लोगों की जान बचाई, और बस्तर में शांति के हमारे मिशन को आगे बढ़ाया।

यह सफलता छत्तीसगढ़ में तेज नक्सल विरोधी अभियानों के बीच मिली है, जहां सुरक्षा बलों ने नए शिविर स्थापित किए हैं और उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाए हैं।


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