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छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति को मिल रही सराहना : विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर में इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में शिरकत की

छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति को मिल रही सराहना : विष्णुदेव साय
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छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति को वैश्विक सराहना, निवेश का नया दौर शुरू

  • छत्तीसगढ़ में 10.5 लाख करोड़ का निवेश, युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार
  • नई उद्योग नीति से बस्तर में रोजगार और बिजली उत्पादन को मिलेगा बल
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ की नीति की गूंज, निवेशकों का बढ़ा भरोसा

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर में गुरुवार को इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की नई उद्योग नीति पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि छत्तीसगढ़ की नई उद्योग नीति को देश और विदेश में सराहा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के साथ ही टोक्यो (जापान), सियोल, दक्षिण कोरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय शहरों में इन्वेस्टर कनेक्ट का सफल आयोजन किया गया था, इन कार्यक्रमों में भारत के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के कारण प्रदेश में विकास संभव नहीं हुआ, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई से माओवादी संगठन के बड़े नेताओं का खात्मा हुआ है, नक्सलवाद के कमजोर होने के बाद अब बस्तर अपने प्राकृतिक सौंदर्य जलप्रपात, गुफाएं और पर्यटन स्थलों के लिए देश-दुनिया में पहचान बना रहा है।

सीएम ने जानकारी दी कि पिछले 10 महीनों में प्रदेश में साढ़े 10 लाख करोड़ का निवेश हुआ है और उस पर काम भी शुरू हो चुका है। आने वाले समय में प्रदेश में 30 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी युवा सरकारी नौकरी नहीं कर सकते, इसलिए नई उद्योग नीति लाई गई है। इसका लाभ उठाकर युवा उद्योग और स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में अब तक 52 हजार करोड़ रुपये का एमओयू साइन हुआ है। इसमें एनएमडीसी, पर्यटन, होम स्टे और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि इन समझौतों से बस्तरवासियों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और यहां उद्योग तेजी से बढ़ेंगे। कार्यक्रम के दौरान बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स की मांग पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि उद्योग, श्रम और ऊर्जा विभाग के अधिकारी अब महीने में एक बार बस्तर में बैठेंगे, ताकि निवेश और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सके। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उद्योग के लिए आदिवासी जमीन के सवाल पर कहा कि अभी छोटे उद्योग लगाए जा रहे हैं। जब बड़े उद्योग लगाने का विषय बस्तर में आएगा तो आदिवासियों से चर्चा करउनकी मंशा के अनुसार जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।


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