शाखा प्रबंधक पर बोनस की जानकारी नहीं देने का आरोप
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह किसानों को उनके बेचे गए धान पर जहां 300 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देकर यह राषि सीधे उनके खातों में भेजने के साथ बोनस तिहार का आगाज किया
किसान नेता ने की कलेक्टर, कमिश्नर से शिकायत
पेण्ड्रा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह किसानों को उनके बेचे गए धान पर जहां 300 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देकर यह राषि सीधे उनके खातों में भेजने के साथ बोनस तिहार का आगाज किया है। वहीं दूसरी ओर दक्षिण मरवाही स्थित आदिवासी सेवा सहकारी समिति लरकेनी पंजीयन क्रमांक 3075 में बोनस तिहार को लेकर कोई उत्साह नही है। समिति के प्रबंधक उमाषंकर पोर्ते किसानो को मिलने वाले बोनस की जानकारी मीडिया को नही दे रहे है जिससे यहां किसी बडे घोटाले की आषंका को बल मिल रहा है।
इस मामले में किसान नेता रामनिवास तिवारी ने कलेक्टर बिलासपुर तथा कमिश्नर बिलासपुर को शिकायत करते हुए आदिवासी सेवा सहकारी समिति लरकेनी पंजीयन क्रमांक 3075 की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए आषंका जताई है कि इस समिति ने लम्बे समय से गडबडी चल रही है तथा इस गडबडी पर पर्दा डालने के लिये आदिवासी सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक एवं अन्य अधिकारी बोनस तिहार की जानकारी सार्वजनिक नही कर रहे है। श्री तिवारी ने षिकायत में कहा है कि मध्यप्रदेश की सीमाओं को छूता छत्तीसगढ़ के मरवाही विकासखण्ड के दक्षिण में स्थित आदिवासी सेवा सहकारी समिति लरकेनी पंजीयन क्रमांक 3075 में लगभग 32 गांव के 1122 पंजीकृत किसान है जिसमें आषंका जताई जा रही है कि इनमें से बहुत से किसानो की ऋण पुस्तिका साहूकारो एवं राइस मिलर्स के पास है।
इन ऋण पुस्तिका पर किसानो के नाम पर कर्ज भी लिया गया है तथा इन्ही ऋण पुस्तिकाओं के माध्यम से साहूकारों ने मध्यप्रदेष से आयातित धान भी बेच रखा है। आदिवासी किसानो की ऋण पुस्तिकाओं के माध्यम से धान खरीदी में केंद्र के धान खरीदी प्रभारी भी षामिल है। अब इन्ही ऋणी धान बेचने वाले किसानो के नाम पर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने 300 रूपये प्रति क्विंटल बोनस का आनलाइन भुगतान कर दिया है परंतु दक्षिण मरवाही के इन किसानो को पता ही नही है कि उन्हे कितना बोनस मिलना है तथा उनके खाते से कितना ऋण निकाला गया है। किसान यह तो जानते है कि सरकार बोनस दे रही है परंतु आदिवासी सेवा सहकारी समिति लरकेनी पंजीयन क्रमांक 3075 के प्रबंधक किसानों को यह सूचना भी नही मिजवाना चाहते कि उन्हे बोनस दिया जा रहा है। किन किसानो को बोनस मिलना है यह जानकारी मीडिया से भी छिपाई जा रही है। श्री तिवारी ने कलेक्टर एवं कमिश्नर बिलासपुर को शिकायत करते हुए मांग की है कि ऋणी एवं धान बेचने वाले पंजीकृत किसानो जो बोनस के हकदार है उन्हे उनका वास्तविक हक मिल सके इसके लिये शासन को पहल करनी होगी तथा जनप्रतिनिधियों को भी प्रहरी की तरह किसानो को बोनस दिलाने के लिये प्रयास करना होगा क्योंकि आदिवासी सेवा सहकारी समिति लरकेनी पंजीयन क्रमांक 3075 में किसी बडे गडबडी को अंजाम दिया जा चुका है ऐसी आशंका है।


