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केंद्र की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर में पैदा हुई अराजक स्थिति : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में अराजक स्थिति पैदा हो गई है

केंद्र की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर में पैदा हुई अराजक स्थिति : कांग्रेस
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में अराजक स्थिति पैदा हो गई है और वहां के पांच प्रदेशों में हालात नियंत्रण से बाहर हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस बारे में जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के पूर्वोत्तर के कई राज्यों में स्थिति खतरनाक बन गयी है। वहां लगातार हर नया राज्य कानून व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा है और दो राज्यों के बीच दो दुश्मन देशों के बीच की तरह संघर्ष हो रहा है। केंद्र सरकार वहां निरंतर बिगड़ रहे हालात से निपटने में पूरी तरह से नाकाम हो रही है और स्थिति में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है तथा केंद्र ने एक तरह से इन राज्यों को उनके हालात पर छोड़ दिया है1

उन्होंने कहा कि असम और मिजोरम की सीमा पर तनाव बना हुआ है और दोनों प्रांतों के बीच इस तरह से संघर्ष का माहौल बना है जैसे दो देशों के बीच तनाव की स्थिति होती है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी गृहमंत्री के रूप में श्री शाह की है इसलिए उन्हें देश की जनता को पूर्वोत्तर राज्यों के हालात को लेकर जानकारी देनी चाहिए।

श्री सुरजेवाला ने कहा कि मेघालय राज्य के हालात असम और मिजोरम की सीमा से भी ज्यादा तनावपूर्ण और खतरनाक है। मेघालय की राजधानी शिलांग में उग्रवादी काला कपडा पहनकर खुलेआम घूम रहे हैं, स्वतंत्रता दिवस पर उग्रवादियों के बेलगाम होने के कारण शिलांग में 98 घंटे का कर्फ्यू लगाना पडा। मुख्यमंत्री के आवास पर पेट्रोल बम फेंके गये और हथियार लहाराते हुए लोग खुलेआम घूमते रहे हैं लेकिन उन्हें रोका नहीं गया। गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया फिर भी श्री शाह इस बारे में चुप्पी साधे हैं।

उन्होंने नागालैंड का भी मुद्दा उठाया और कहा कि एनएससीएन-आईएम बार बार कहता है कि 2015 को केंद्र सरकार ने जो समझौता किया है वह उस समझौते की परिधि में नहीं है। इस संगठन का कहना है कि वह किसी शांति समझौते को नहीं मानता है। इस संगठन ने यहां तक कह दिया ‘नागा कभी भारत के साथ नहीं मिलेगा।’ उनका कहना था कि आखिर एक छुटभैया संगठन इस तरह की हिम्मत कैसे दिखा सकता है।

अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि वहां के हालात भी ठीक नहीं हैं। अरुणाचल प्रदेश में चीन ने हमारी सीमा में अपना ठिकाना बना दिया है लेकिन केंद्र सरकार इस पर चुप्पी साधे हैं।


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