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प्रवासी भारतीय सम्मेलन में अव्यवस्था का अंबार, किरकिरी से बचने मुख्यमंत्री ने माफी मांगी

अव्यवस्था का आलम यह रहा कि हॉल छोटा पड़ गया। हॉल की कैपेसिटी 2200 लोगों के बैठने की है, लेकिन वहां 3000 से ज्यादा लोग पहुंच गए। कुछ एनआरआई जबरदस्ती गेट खोलकर घुसे। उन्हें बड़े गेट पर फिर रोका गया। धक्का-मुक्की में एक एनआरआई के हाथ में चोट लग गई।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में अव्यवस्था का अंबार, किरकिरी से बचने मुख्यमंत्री ने माफी मांगी
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गजेन्द्र इंगले
इंदौर: इंदौर में आज सोमवार से प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आगाज हुआ, लेकिन आज ही यहां प्रवासी भारतीयों को आओ भगत की जगह धक्के खाने पड़े। इस अफरा तफरी ने मध्यप्रदेश सरकार के सारे इंतजामों की पोल खोल दी। हुआ यूँ कि आज उद्घाटन के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम स्थल ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर पर अपना भाषण दे रहे थे। इसी बीच आयोजन स्थल पर उस समय हंगामा हो गया, जब कई NRI को हॉल में एंट्री करने से रोक दिया गया। यहां तक की लंदन के डिप्टी मेयर को भी मेन गेट पर ही रोक दिया गया।
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इस पर कुछ प्रवासियों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- टीवी पर ही आयोजन दिखाना था तो बुलाया क्यों..? इधर इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने मामले को सम्हालते हुए कहा कि शुरुआती दौर में थोड़ा समय जरूर लगा, लेकिन बाद में इसे ठीक कर लिया गया। लेकिन उनके यह सब दावे झूठे साबित हुए। जब कुछ एनआरआई ने यहां तक कह दिया कि ऐसी व्यवस्था रही तो वे वापस चले जायेंगे। मामला इतना गंभीर हो गया कि पीएम के सामने ही सीएम शिवराज सिंह चौहान को मंच से माफी मांगनी पड़ी। सीएम ने कहा- माफी चाहता हूं। मतलब साफ है कि अव्यवस्थाओं की भनक मुख्यमंत्री को लग चुकी थी, इसलिए अपनी किरकिरी होते देख उन्हें माफी मांगनी पड़ी।
अव्यवस्था का आलम यह रहा कि हॉल छोटा पड़ गया। सुबह 9.45 बजे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का हॉल फुल होने पर एंट्री बंद कर दी गई। हॉल की कैपेसिटी 2200 लोगों के बैठने की है, लेकिन वहां 3000 से ज्यादा लोग पहुंच गए। कुछ एनआरआई जबरदस्ती गेट खोलकर घुसे। उन्हें बड़े गेट पर फिर रोका गया। धक्का-मुक्की में एक एनआरआई के हाथ में चोट लग गई। वहीं सम्मेलन में आए दो एनआरआई की तबीयत बिगड़ गई, जिनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
कार्यक्रम स्थल पर कई एनआरआई वहां फैली अव्यवस्थाओं पर नाराज होते नजर आए। सबसे बड़ी बात चाक चौबंद व्यवस्था के दावे करने वाली प्रदेश सरकार या इंदौर प्रशासन का कोई जिम्मेदार नुमाइंदा एनआरआई की परेशानी सुनने वाला नहीं था। हद तो तब हो गई जब उन लोगों को भी कक्ष में प्रवेश करने से रोक दिया गया जिनका नाम प्रधानमंत्री के साथ भोज करने वालों की सूची में था। अमेरिका से आई एक महिला ने इस अव्यवस्था को शर्मनाक बताया। तो जमैका से आये प्रतिनिधिमंडल ने भी ऐसी अव्यवस्था पर दुख व्यक्त किया। महीनों की तैयारी व रजिस्ट्रेशन के बाद आये एनआरआई के लिए भी ऐसे हालात बन गए जिसने आयोजकों की पोल खोल दी।


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