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डीयूएसी से अनुमति न मिलने पर भी केजरीवाल के बंगले में किया गया बदलाव : भाजपा

भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि एक स्वतंत्र याचिकाकर्ता द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत एक मामले के तथ्यों से यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 2020 से आज तक मुख्यमंत्री आवास में किए गए सभी अतिरिक्त निर्माण, परिवर्तन और नवीनीकरण अवैध रूप से किए गए हैं

डीयूएसी से अनुमति न मिलने पर भी केजरीवाल के बंगले में किया गया बदलाव : भाजपा
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नई दिल्ली। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया है कि एक स्वतंत्र याचिकाकर्ता द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत एक मामले के तथ्यों से यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 2020 से आज तक मुख्यमंत्री आवास में किए गए सभी अतिरिक्त निर्माण, परिवर्तन और नवीनीकरण अवैध रूप से किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बंगला संरक्षित बंगला क्षेत्र में स्थित है और दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) और एमसीडी की मंजूरी के बिना वहां कोई निर्माण नहीं किया जा सकता।

सचदेवा ने कहा कि यह देखना चौंकाने वाला है कि डीयूएसी ने 29 अक्टूबर 2020 को सीएम बंगले में अतिरिक्त बदलाव के संबंध में पीडब्ल्यूडी के आवेदन को खारिज कर दिया था, जबकि एमसीडी ने भी कभी कोई मंजूरी नहीं दी, लेकिन मुख्यमंत्री ने न केवल अपने मूल बंगले में निर्माण किया, बल्कि आसपास के बंगलों को भी अपने बंगले में समाहित कर लिया।

उन्होंने कहा कि प्रासंगिक पर्यावरण एवं वन अधिनियम के अनुसार, 20 से अधिक पेड़ों को वन संरक्षक एवं पर्यावरण सचिव की मंजूरी के बिना नहीं उखाड़ा जा सकता, लेकिन सीएम के बंगले में 28 पेड़ों को सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी के बिना उखाड़ा गया था। वन संरक्षक की मंजूरी से बचने के लिए उन्होंने 9, 2, 6, 6 और 5 पेड़ गिराने के 5 छोटे आवेदन स्थानीय वन अधिकारियों को भेजे, जैसे उन्होंने टेंडरिंग से बचने के लिए पीडब्ल्यू के 5 छोटे वर्क ऑर्डर जारी किए थे।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि अब एनजीटी ने एक कमेटी बनाई है जो 3 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी, तब सीएम बंगले के नवीनीकरण में कई और अनियमितताएं भी सामने आएंगी।


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