सोच बदलें जीवन का कठिन वक्त भी कट जाएगा: जस्टिस दिवाकर
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का काम यह देखना है कि कही पात्र व्यक्ति प्राताड़ित तो नही किया जा रहा

बिलासपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का काम यह देखना है कि कही पात्र व्यक्ति प्राताड़ित तो नही किया जा रहा हैं,क्या उसे न्याय नही मिल रहा है, तो उसे न्याय दिलाना हमारी कोशिश है यदि ऐसे व्यक्ति हम तक नही पहुंच सकते है तो हम उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे है कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नही होता है पंरतु कभी कभी अज्ञानता के कारण एवं इद्रियों पर नियंत्रण नही होने पर अपराध हो जाता है निरपराध व्यक्तियों को साक्ष के विपरित होने के कारण न्याय नही मिलता है क्योंकि न्याय की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है आज यहां बहुत से अधिवक्ता उपस्थित है, संवेदन शील और मदद करने के इच्छुक है पंरतु चाहकर भी व्यस्तता के कारण मदद नही कर पाते जिन बंदियों को शिकायत है उसके लिए राज्य अधिवक्ता परिषद कार्य कर रही है।
गरीबों एवं लीगल ऐड के प्रकरणें में उच्चन्यायालय में एक व्यवस्था प्रारंभ कि गई है शनिवार जो अवकाश का दिन होता है उस दिन विशेष रूप से इनके प्रकरणों को सुना जावेगा, सकरात्मक सोच बहुत बडी बात है जो यहां हैं वह अपने प्रारब्ध के कारण सजा भोग रहे है इस कारण सकारात्मक सोच के अभी समय बितावें जीवन का कठिन वक्त कट जायेगा और आप देखेगें एक नयी सुबह स्वागत कर रही है , उक्त विचार जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर जज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज केंद्रीय जेल बिलासपुर में जेल बंदियों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राज्य अधिवक्ता परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विधिक सेवा शिविर में व्यक्त कियें उन्होंने आगे कहा की बंदियों के लिए जेंल में काम की व्यवस्था की गई है कपड़े सिलने पेंटीग करने प्रीटिंग करने एवं कार्यशाला में अनेको काम करते है अच्छे थिकिंग काम करे आपको मामूल होना चाहिए, कि आपको साल में कितनी छुट्टी मिलती है क्या सुविधाएं है। अगर आपको कोई परेशानी है तो सालसा के सचिव को पत्र के माध्यम से सूचित करें अधिवक्ता के संबंध में स्टेट बार कौशिल के चेयरमेन को लिख सकते है आपके सहयोग के लिए जेल में पीएलव्ही की नियुक्ति की गयी है जो आपकी आवाज हम तक पहुचायेगें । ऐसी व्यवस्था हुई है कि हम कम्पयूटर के माध्यम से भी आपसे गये है।
कार्यक्रम को सबोंधित करते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद के चेयरमेन श्री प्रभाकर सिंह चदेल ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति को भी न्याय मिले इसके लिए हमें कार्य करना है कोई भी व्यक्ति जान बूझकर जेल में नही रहना चाहता है , मजबूरी अज्ञनता के कारण अपराध कर देता है, अशिक्षित होना भी इसका कारण है हम सब विसंगतियों को छोड़कर ''न्याय सब के लिए'' छेड़ी गयी मूहीम में शामिल है और इसे पूरा करने में जहां हमारी जरूरत होगी, हम साथ खडे होगें।
उन्होने कहा कि हम इस तरह के शिविर आयोजित कर रहे है रायपुर एवं जगदलपुर में किया जा चुका हैं। राज्य अधिवक्त परिषद वकीलो की सबसे बड़ी संस्था है जो वकीलो का कार्य भी देखती है शिकायतों पर कार्यवाही का अधिकार भी होता है तथा वकीलो के कार्य का निर्धारण करती हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में चंद्र प्रकाश जागड़े स्टेट बार कौशिल की विधिक सेवा समिति के अघ्यक्ष ने अपने संबोधन में बताया कि राज्य अधिवक्त परिषद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर इस तरह के विधिक सेवा शिविरों का आयोजन करा रहा है आज केन्द्रीय जेल बिलासपुर में शिविर का आयोजन किया गया है, बंदियो को क्या सुविधा मिल रही है समिति से उनको क्या सुविधा दी जा सकती है , शासन का ध्यान आकर्षित करना तथा बंदियों के प्रकरण में अपील हुई है कि नही बंदियों को अधिवक्ता उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य हैं शिक्षा की व्यवस्था जिनकी सजा पूरी हो चुकी हैं, उनकी रिहाई मानसिक रोगी, बंदियों की चिकित्सा के लिए डॉक्टर की व्यवस्था का कार्य किया जाना है ।


