दार्जिलिंग नगर पालिका में सिर्फ 10 महीने में सत्ता परिवर्तन
दार्जिलिंग नगर पालिका में बुधवार को उम्मीद के मुताबिक सत्ता परिवर्तन हुआ है

कोलकाता। दार्जिलिंग नगर पालिका में बुधवार को उम्मीद के मुताबिक सत्ता परिवर्तन हुआ है। अविश्वास प्रस्ताव के बाद अनित थापा के नेतृत्व वाले भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस गठबंधन का दार्जिलिंग नगर पालिका पर नियंत्रण करने का रास्ता साफ हो गया है। इस साल फरवरी में नगर निकाय चुनावों में अजय एडवर्डस की हामरो पार्टी ने 32 में से 18 वाडरें में जीत हासिल कर दार्जिलिंग नगर पालिका पर कब्जा किया था। इस चुनाव में बीजीपीएम-तृणमूल गठबंधन ने 10 सीटें जीतीं, बीजीपीएम ने 8 और तृणमूल ने 2 सीटें जीतीं थीं। जबकि बिमल गुरुंग के नेतृत्व वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) सिर्फ चार सीटें जीतने में सफल हुआ था।
हालांकि, 24 नवंबर को उस समय बदलाव हुआ जब हमरो पार्टी के छह निर्वाचित पार्षद बीजीपीएम में शामिल हो गए। बुधवार को हमरो पार्टी या जीजेएम का कोई भी पार्षद नगर पालिका कार्यालय नहीं पहुंचा, जहां अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया चल रही थी। इसलिए बीजीपीएम-तृणमूल गठबंधन का दार्जिलिंग नगर पालिका पर नियंत्रण करने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया। इसी के साथ दार्जिलिंग नगर पालिका में सिर्फ 10 महीने में ही सत्ता परिवर्तन हो गया।
एडवर्डस पहले ही कह चुके हैं कि वे किसी भी कीमत पर अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम को स्वीकार नहीं करेंगे और शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। वह सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर चुनौती देंगे कि परिवर्तन छह दलबदलू पार्षदों द्वारा उठाए गए कदमों के आधार पर हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, हमरो पार्टी के छह पार्षदों में से एक दीपेन ठाकुरी को दार्जिलिंग नगर पालिका का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। थापा ने कहा कि वह अगले हफ्ते कोलकाता आएंगे और सीएम ममता बनर्जी से मिलेंगे और दार्जिलिंग नगर पालिका में प्र्दशन के लिए उनका सहयोग मांगेंगे।


