किसानों के भले के लिए बदलाव की जरुरत: पीएम मोदी
धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच से किसानों का भला नहीं हो सकता है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 21वीं सदी में 18वीं सदी की सोच से किसानों का भला नहीं हो सकता है। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी देश में खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने में किसानों की मेहनत का जिक्र करते हुए मोदी ने लोकसभा में कहा कि कृषि सुधारों के जरिए सरकार किसानों के हितों के लिए काम करने का प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नये कृषि कानून से देश के छोटे किसानों को फायदा होगा और उन्हें अपनी उपज बेचने को एक नया विकल्प मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया।
उन्होंने कहा संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है। हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे। और हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं।


