चंद्रयान-2 :लिक्विड हाइड्रोजन की फिलिंग पूरी, 250 वैज्ञानिकों की निगरानी में लॉन्च होगा चंद्रयान
दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी

चेन्नई । चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की रविवार शाम 6.43 बजे शुरू की गई उल्टी गिनती सोमवार को बिना किसी अवरोध के जारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी। चंद्रयान-2 परियोजना 978 करोड़ रुपये की है। उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान तंत्र की जांच की जाएगी और उसमें ईधन भरा जाएगा।
रॉकेट सोमवार अपराह्न 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा।
दो घंटे !!! के क्रायोजेनिक चरण (C25) में तरल ऑक्सीजन की पूर्ति और तरल हाइड्रोजन की पूर्ति प्रगति पर है
#Chandrayaan2 #ISRO
— ISRO (@isro) July 22, 2019
Two hours to go !!! Filling of Liquid Oxygen in Cryogenic Stage(C25) of #GSLVMkIII-M1 completed and Filling of Liquid Hydrogen is in progress
कुछ देर में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, क्रायोजेनिक चरण में लिक्विड हाइड्रोजन भरी गई
Filling of Liquid Hydrogen for the Cryogenic Stage(C25) of #GSLVMkIII-M1 commenced#Chandrayaan2 #ISRO
— ISRO (@isro) July 22, 2019
Updates will continue.......
#ISRO #Chandrayaan2
— ISRO (@isro) July 22, 2019
As our journey begins, do you know what is the distance of Moon from Earth? The average distance is 3, 84, 000 km, Vikram lander will land on Moon on the 48th day of the mission, which begins today.
Here's different view of #GSLVMkIII-M1 pic.twitter.com/4LFEmT2xxZ
इसरो के अनुसार, दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी है।
चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था। हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपक्ष स्थगित कर दिया गया था।
इसरो ने बाद में 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल - मार्क तृतीय (जीएसएलवी - एमके तृतीय) की खामी को दूर कर दिया। जीएसएलवी - मार्क तृतीय का उपनाम बाहुबली फिल्म के इसी नाम के सुपर हीरो के नाम पर बाहुबली रखा गया है।
फिल्म में जैसे नायक विशाल और भारी शिवलिंग को उठाता है, उसी तरह रॉकेट भी 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को उठाकर अंतरिक्ष में ले जाएगा।
उड़ान के लगभग 16वें मिनट में 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क तृतीय रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 विमान को अपनी 170 गुणा 39, 120 किलोमीटर लंबी कक्षा में उतार देगा।
इसरो अब तक तीन जीएसएलवी-एमके तृतीय भेज चुका है।
जीएसएलवी-एमके तृतीय का उपयोग 2022 में भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन में भी किया जाएगा।


