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पंजाब बाढ़ राहत पर सियासी संग्राम, मंत्री मोहिंदर भगत बोले - 1600 करोड़ 'ऊंट के मुंह में जीरा'

पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्रियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया

पंजाब बाढ़ राहत पर सियासी संग्राम, मंत्री मोहिंदर भगत बोले - 1600 करोड़ ऊंट के मुंह में जीरा
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पंजाब : मंत्री मोहिंदर भगत ने केंद्र सरकार की राहत राशि को बताया 'ऊंट के मुंह में जीरा'

  • विधानसभा में हंगामा, आप ने केंद्र की राहत राशि को बताया नाकाफी
  • मोहिंदर भगत का हमला- बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची केंद्र की मदद
  • पंजाब में बाढ़ राहत को लेकर आप-केंद्र सरकार आमने-सामने
  • राहत राशि पर नाराज़गी, भगत ने कांग्रेस और केंद्र दोनों को घेरा

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्रियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 'आप' के विधायकों ने सदन में तख्तियां उठाकर नारेबाजी शुरू कर दी और स्पीकर के आसन के सामने पहुंच गए। हंगामे की स्थिति को देखते हुए विधानसभा स्पीकर को कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इस प्रदर्शन को लेकर मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पंजाब के लिए घोषित 1600 करोड़ रुपये का पैकेज केवल एक जुमला साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राहत राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है और अब तक बाढ़ पीड़ितों तक इसका एक रुपया भी नहीं पहुंचा है। भगत ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मजबूरी में उन्हें और उनकी पार्टी के विधायकों को प्रधानमंत्री के खिलाफ विधानसभा में विरोध दर्ज कराना पड़ रहा है।

मोहिंदर भगत ने कहा कि पहले तो प्रधानमंत्री मोदी देरी से बाढ़ प्रभावितों से मिलने आए और फिर सिर्फ 1600 करोड़ रुपये की राहत राशि की घोषणा करके अपना कर्तव्य पूरा मान लिया। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी तबाही झेल रहे पंजाब के लिए यह राशि कैसे पर्याप्त हो सकती है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और खेती-किसानी को भारी नुकसान पहुंचा है।

वहीं, कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री राहत फंड में राशि न डालने की लोगों को हिदायत का भी मोहिंदर भगत ने विरोध किया। भगत ने कहा कि इस संकट की घड़ी में विपक्षी दलों को सत्ता पक्ष का साथ देना चाहिए, न कि मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में योगदान देने से लोगों को हतोत्साहित करना चाहिए। कांग्रेस का यह रवैया निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में राजनीति नहीं, बल्कि राहत कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।

विधानसभा में हुए हंगामे के बाद यह साफ हो गया कि पंजाब में बाढ़ राहत को लेकर सियासी टकराव और गहरा गया है। आप का आरोप है कि केंद्र सरकार पंजाब की अनदेखी कर रही है और वाजिब राहत नहीं दे रही।


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