हरियाणा में होंडा बनाएगी कचरे से टाइल्स, सरकार ने किया समझौता
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में जापानी कंपनियों के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया

CM सैनी की पहल : अपशिष्ट से निर्माण, निवेश को बढ़ावा
- हरियाणा-होंडा साझेदारी से कचरे का होगा पुनः उपयोग
- गुरुग्राम में होंडा का अपशिष्ट प्रबंधन प्रोजेक्ट, टाइल्स बनेगी मलबे से
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को गुरुग्राम में जापानी कंपनियों के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
इस अवसर पर निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए होंडा कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत राज्य सरकार संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि और कचरा उपलब्ध कराएगी, जबकि होंडा कंपनी कचरे से टाइल्स का निर्माण करेगी।
मुख्यमंत्री सैनी के 6 से 8 अक्टूबर तक जापान की यात्रा पर रहने की संभावना है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री सैनी ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कार्यरत प्रमुख जापानी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।
उन्होंने हरियाणा में जापानी कंपनियों के लिए एक क्लस्टर की स्थापना पर भी चर्चा की तथा उन्हें नारायणगढ़ में यह क्लस्टर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
सीएम सैनी ने कहा कि नारायणगढ़ चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के करीब केवल 40 से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे व्यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा।
मानेसर में जलापूर्ति सुविधाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है और जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा।
मुनक नहर से पाइपलाइन के माध्यम से मानेसर में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
यह व्यवस्था 25 से 30 वर्षों में होने वाली जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी की कमी न हो।
मुख्यमंत्री सैनी ने औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़े गए रासायनिक जल के उचित उपचार पर जोर दिया और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उद्योगों को अपने अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग करना चाहिए, जिसके लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के माध्यम से एक योजना तैयार की गई है।
पहले चरण में यह प्रणाली मानेसर में लगभग 78 करोड़ रुपए की लागत से लागू की जाएगी, जिससे उद्योगों को पानी का पुनः उपयोग करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री सैनी ने विकास कार्यों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधियों के उपयोग के महत्व पर बल दिया।


