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चंडीगढ़ की आखिरी झुग्गी भी तोड़ दी गई

'सिटी ब्यूटीफुल' के नाम से जाने जाने वाले चंडीगढ़ शहर के औद्योगिक क्षेत्र, फेज 1 में कॉलोनी नंबर 4 में लगभग 2,500 ढांचों वाली सबसे बड़ी झुग्गी-झोपड़ी को खत्म किए जाने के बाद रविवार को आखिरी सबसे पुरानी झुग्गी भी तोड़ दी गई

चंडीगढ़ की आखिरी झुग्गी भी तोड़ दी गई
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चंडीगढ़। 'सिटी ब्यूटीफुल' के नाम से जाने जाने वाले चंडीगढ़ शहर के औद्योगिक क्षेत्र, फेज 1 में कॉलोनी नंबर 4 में लगभग 2,500 ढांचों वाली सबसे बड़ी झुग्गी-झोपड़ी को खत्म किए जाने के बाद रविवार को आखिरी सबसे पुरानी झुग्गी भी तोड़ दी गई। शांतिपूर्ण ढंग से बेदखली को अंजाम देने के लिए 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और 10 कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को ड्यूटी पर रखा गया था।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, 65 एकड़ जो कि वन विभाग और संपदा कार्यालय से संबंधित है, पुन: प्राप्त किया गया था। इसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

पूरा ऑपरेशन शांतिपूर्ण ढंग से और बिना किसी निवासियों के किया गया।

उपायुक्त द्वारा कॉलोनी के निवासियों को अपना सामान स्थानांतरित करने और परिवहन में मदद करने के लिए विशेष टीमों को भी प्रतिनियुक्त किया गया था। सुगम बेदखली के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कैरिज सेवा भी प्रदान की गई थी।

29 अप्रैल को मालोया आवास परिसर में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग योजना के तहत फ्लैटों के अनंतिम आवंटन के लिए एसडीएम पूर्व के कार्यालय परिसर में शिविर का आयोजन किया गया।

इसके बाद मलोया हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को 290 फ्लैटों के आवंटन के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ निकाला गया।

कैंप में ही नगर निगम और बिजली विभाग बिजली कनेक्शन और पानी के कनेक्शन मुहैया करा रहे हैं।

चंडीगढ़ को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने के लिए सबसे पुरानी झुग्गी-झोपड़ियों को गिराने का निर्णय लिया गया था, जिसमें 11 वर्षो में कई बार तोड़फोड़ की गई थी।


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