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चंडीगढ़ : किरण खेर को कांग्रेस ही नहीं, भाजपा में भी मिल रही कड़ी चुनौती

बॉलीवुड फिल्मों की सबसे अच्छी 'मम्मीजी' की पहचान रखने वाली किरण खेर ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट फिर से जीतने के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है

चंडीगढ़ : किरण खेर को कांग्रेस ही नहीं, भाजपा में भी मिल रही कड़ी चुनौती
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- जयदीप सरीन

चंडीगढ़। बॉलीवुड फिल्मों की सबसे अच्छी 'मम्मीजी' की पहचान रखने वाली किरण खेर ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट फिर से जीतने के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। दो महीने से ज्यादा चलनेवाले प्रचार अभियान के दौरान यहां के लोगों को उनका मां अवतार फिर से देखने को मिल रहा है।

वर्ष 2014 के आम चुनाव में किरण खेर ने चार बार सांसद रहे पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को लगभग 70,000 मतों के अंतर से हराया था। अभिनेत्री से राजनेत्री बनी अनुपम खेर की पत्नी का भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव का यह पहला अनुभव था।

चंडीगढ़ की रहनेवाली 63 साल की किरण को इस बार न केवल कांग्रेस से, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थानीय इकाई से भी कड़ी चुनौती मिल रही है।

चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और इस केंद्र शासित शहर के पूर्व सांसद सत्यपाल जैन इस बार किरण की राह में टिकट के दावेदार के रूप में खड़े हो गए हैं। ये दोनों पिछले चुनाव में भी यहां से टिकट के लिए काफी कोशिशें की थी, लेकिन किरण अपनी गोटी लाल करने में कामयाब रहीं।

किरण ने लोकप्रिय टीवी चैट शो 'कॉफी विद करण' (निर्देशक करण जौहर ) की तर्ज पर यहां स्थानीय तौर पर 'हैशटैग कॉफी विद किरण' कार्यक्रम शुरू किया है। उनके ट्विटर हैंडल देखने से पता चलता है कि उन्हें भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और सेलेब्रिटी की अपनी हैसियत की बदौलत वह मतदाताओं को प्रभावित कर पाएंगी।

भाजपा के एक स्थानीय नेता ने आईएएनएस से कहा, "किसी भी बड़े स्थानीय नेता को उनके साथ प्रचार करते नहीं देखा जा रहा है। टिकट का निर्णय होने तक कोई भी उन्हें उम्मीदवार के रूप में पेश करने को तैयार नहीं है, जबकि वह मौजूदा सांसद हैं।" किरण फिलहाल जाती तौर पर वकीलों, उद्योगपतियों, गृहणियों, युवाओं, बच्चों, व्यवसायियों और कई अन्य तबकों से मिल रही हैं।

किरण खेर के कार्यकमों में शामिल होती रहीं एक गृहणी अंजलि ने आईएएनएस से कहा, "स्टार के रूप में रुतबा उनका आकर्षण जरूर है, लेकिन यह वोट में तब्दील होगा, यह जरूरी नहीं है।"

उधर, भाजपा नेता संजय टंडन अलग से 'चाय पे चर्चा' चला रहे हैं। पूर्व सांसद सत्यपाल जैन भी अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। दोनों को एक-दूसरे के कार्यक्रम में नहीं देखा जा रहा है। इधर, किरण खेर को पांच साल में किए अपने काम और शोहरत पर भरोसा है।


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