Top
Begin typing your search above and press return to search.

चांचली निवासी बीएसएफ के जवान ने उपचार के दौरान हारी जंग

एक महीने पूर्व मेघालय में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान पेट में लगी थी गोली

चांचली निवासी बीएसएफ के जवान ने उपचार के दौरान हारी जंग
X

जेवर। कोतवाली क्षेत्र के गांव चांचली निवासी बीएसएफ के जवान एक महीने से अधिक समय तक चली जिंदगी और मौत की जंग में बुधवार रात को जंग हार गया। विधवा मां ने जहां इकलौते बेटे को दो बहिनो ने अपने इकलौते भाई को खो दिया।

दीपावली से एक सप्ताह पूर्व मेघालय में पोस्टिंग के दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान उसके पेट में गोली लगी थी। जवान की मौत से गांव में मातम पसर गया। गुरूवार को दिल्ली में जवान का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

जेवर क्षेत्र के गांव चांचली निवासी त्रिलोकचंद षर्मा गांव में खेतीबाडी का काम करते थे। दस वर्ष पूर्व उनकी मौत हो गई। जिसके बाद उनके तीन बच्चों की परिवरिष की जिम्मेदारी उनकी पत्नि गीता देवी के कंधो पर आ गई।

गीता देवी ने खेतीवाडी के साथ साथ ही बच्चों की पढाई लिखाई का ख्याल रखा तथा पांच वर्ष बड़ी बेटी कृष्णा की षादी कर दी तथा छोटी बेटी प्रिया ग्रेजुएषन की पढ़ाई कर रही है।

वर्ष 2021 में उनका बेटा नितेष षर्मा ग्रेजुएषन के बाद बीएसएफ में जवान के पद पर भर्ती हो गया। होषियारपुर पंजाब में ट्ेनिंग के बाद उसकी पहली पोस्टिंग मेघालय में हुई।

स्वजनों ने बताया कि मेघालय के तुर्रा में पोस्टिंग के दौरान नितेष षर्मा की 18अक्टूबर को नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान उसके पेट में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। दस दिन गोहावटी के मेडीकल अस्पताल में उपचार के बाद उसे गंभीर अवस्था में दिल्ली एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

जहां तीन सप्ताह से अधिक जिंदगी और मौत से जंग लडते हुये बुधवार रात को 11ः30 बजे नितेष षर्मा 21 मौत हो गई।

स्वजनों ने बताया कि नितेष षर्मा ने ग्रेजुएषन के बाद अपने चाचा षिवकुमार ष्षर्मा के यहां विजय बिहार रोहणी दिल्ली में रहकर नौकरी की तैयारी की थी तथा दिल्ली के मूल निवास प्रमाण पत्र से ही बीएसएफ में भर्ती हुआ था। बुधवार को मौत के बाद उसका षव उसके चाचा षिवकुमार षर्मा के यहां पहुंचा जहां षाम को बीएसएफ के जवानों द्वारा सलामी के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it