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मध्यप्रदेश में भारी बारिश से तरबतर, बरगी बांध के गेट खोले जाने की संभावना

झारखंड में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से मध्यप्रदेश का बड़ा हिस्सा इन दिनों बारिश से तरबतर

मध्यप्रदेश में भारी बारिश से तरबतर, बरगी बांध के गेट खोले जाने की संभावना
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भोपाल। झारखंड में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से मध्यप्रदेश का बड़ा हिस्सा इन दिनों बारिश से तरबतर है। इसी बीच आज जबलपुर स्थित बरगी बांध के गेट खोले जाने की संभावना के मद्देनजर नर्मदा सहित अन्य सहायक नदियों के जलस्तर में एकदम वृद्धि होने का अनुमान है। नर्मदा के किनारे के नौ जिलों जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, देवास, सिहोर, छिंदवाड़ा और खरगोन के तटवर्ती नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।

बुरहानपुर जिले में भी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हथनूर बांध के चार दरवाजे खोले गए हैं।

मौसम विभाग ने प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत समूचे प्रदेश में आने वाले दो दिन तेज़ बारिश की आशंका जताई है। आठ जिलों सागर, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, विदिशा, राजगढ़ और रायसेन में बहुत भारी वर्षा के साथ ही लगभग दो दर्जन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

विभाग के मुताबिक दक्षिणी झारखण्ड और आसपास के क्षेत्र में दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। कुछ समय बाद यह पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ कर कमजोर पड़ कर कम दवाब के क्षेत्र में परिवर्तित हो जायेगा। इसके प्रभाव से पूर्वी प्रदेश में अधिकतर हिस्सों में वर्षा के साथ कहीं-कहीं बहुत भारी और अनेक स्थान पर भारी वर्षा की संभावना है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में वर्षा की गतिविधियां बढ़ेंगी।

वहीं सागर जिले में कल 12 घंटे में पांच इंच बारिश के चलते बीना स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया। इस दौरान कई ट्रेन प्रभावित हुयीं। दोपहर बाद स्थिति सामान्य हो सकी। बीना से गुजरने वालीं अनेक ट्रेन विलंब से रवाना हो सकीं।

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के रानी अवंती बाई लोधी सागर बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के कारण बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आज बांध के चार गेट खोलकर करीब 1500 घन मीटर प्रति सेकण्ड पानी छोड़ा जाएगा।

रानी अवंती बाई लोधी सागर नहर प्रकोष्ठ के अधीक्षण यंत्री डी एस ठाकुर के मुताबिक बरगी बांध में वर्तमान में पानी की आवक 1500 घन मीटर प्रति सेकण्ड है। बरगी जलाशय का पूर्ण भराव का जलस्तर 422.76 मीटर है। जलाशय में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर आज शाम चार बजे बांध के स्पिल-वे के गेट खोलकर करीब 1500 घन मीटर प्रति सेकण्ड पानी नदी में छोड़ने का निर्णय लिया गया है। बांध के निचले क्षेत्रों के निवासियों और नर्मदा के तटवर्ती जिलों से सतर्क रहने की अपील की है।

मध्यप्रदेश में एक जून से 23 जुलाई तक मंडला सहित 17 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जबकि 30 जिलों में सामान्य वर्षा हुई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मंडला जिले में सर्वाधिक वर्षा 587.6 मिलीमीटर और सबसे कम वर्षा 185.7 मिलीमीटर अलीराजपुर में दर्ज की गई है। सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिलों में छिंदवाड़ा, मंडला, उमरिया, इंदौर, झाबुआ, मुरैना, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, रायसेन और दमोह शामिल हैं।

इसी तरह प्रदेश के बालाघाट, जबलपुर, सिवनी, नरसिंहपुर, सीधी, शहडोल, धार, श्योपुरकलां, गुना, अशोकनगर, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, सागर, अनूपपुर, खरगोन, हरदा, सिंगरौली, टीकमगढ़, बड़वानी, देवास ग्वालियर, सतना, पन्ना, छतरपुर, भिण्ड, दतिया, भोपाल, शिवपुरी और बैतूल जिलों में वर्षा सामान्य दर्ज की गई हैं जबकि कटनी, डिण्डोरी, रीवा और अलीराजपुर जिले कम वर्षा वाले हैं।


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