निजी ठेके पर रेत खनन को दी गई चुनौती
हाईकोर्ट को अनूसूचित क्षेत्र में खनन के मामले में प्रस्तुत जनहित याचिका पर राज्य शासन ने जवाब दे दिया है

बिलासपुर। हाईकोर्ट को अनूसूचित क्षेत्र में खनन के मामले में प्रस्तुत जनहित याचिका पर राज्य शासन ने जवाब दे दिया है। अब इस मामले में याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर देने का समय दिया गया है।
छत्तीसगढ़ आदिवासी सर्व समाज ने जनहित याचिका दायर कर प्रदेश सरकार की खनन नीति को चुनौती दी है। याचिका में संवैधानिक प्रावधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लेख करते हुए अनूसूचित क्षेत्र में निजी ठेकेदारों को रेत खनन का ठेका देने का विरोध किया है।
मामले में राज्य शासन का जवाब मिलने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को प्रयुत्तर प्रस्तुत करने कहा है। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने हाईकोर्ट में पेश याचिका में कहा है कि राज्य शासन ने आदिवासी क्षेत्रों में भी निजी व्यक्तियों को रेत खनन का ठेका देने की नीति बनाई है।
अनूसूचित क्षेत्रों के लिए यह पहले से ही प्रावधान है कि सिर्फ अनूसूचित जनजाति वर्ग की समिति या राज्य शासन ही इस प्रकार का ठेका संचालित कर सकती है। चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान शासन ने अपना जवाब प्रस्तुत किया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी जवाब देने निर्देशित किया है ।


