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राम मंदिर निर्माण के लिए चक्रवर्ती दण्डवत परिक्रमा : मौनी बाबा

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए मौनी बाबा ने रविवार को चक्रवर्ती दण्डवत परिक्रमा की

राम मंदिर निर्माण के लिए चक्रवर्ती दण्डवत परिक्रमा : मौनी बाबा
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कुम्भनगर। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए मौनी बाबा ने रविवार को चक्रवर्ती दण्डवत परिक्रमा की।

मौनी बाबा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी के परमहंस आश्रम के महंत हैं। मौनी बाबा उर्फ रूद्राक्ष वाले बाबा ने बताया कि उन्होंने श्रीधाम अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के लिए वर्ष 1991 से लेकर 2018 अब तक तीन करोड़ से अधिक दीपों का प्रज्ज्वलन, करीब एक हजार किलोमीटर तक की 190 बार लेट कर परिक्रमा एवं 54 बार भू-समाधि तथा जल समाधि, 486 महायज्ञ अनुष्ठान कर चुके हैं। यह संकल्प मंदिर निर्माण होने तक अनवरत चलता रहेगा।

उन्होंने कहा कि उनका जीवन अब श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए ही है। महंत ने सुबह झूंसी क्षेत्र स्थित अपने शिविर से 11 बजे लेटते हुए करीब तीन किलामीटर की संगम तट की 191 चक्रवर्ती दण्डवत परिक्रमा पूरी की। यह परिक्रमा बहुत की कष्टकारी होती है। इसमें व्यक्ति एक बार लेट जाता है तो रोल-रोल घूमता हुआ अपने गंतव्य तक पहुंचता हैं। उन्होंने कहा,“ भगवान श्रीराम टेंट में बैठे हैं, उनके कष्ट के आगे तो मेरा कष्ट कुछ भी नहीं है।”

उन्होंने कहा कि संगम तट पर पहुंचकर महाकाल की पूजा करने के बाद मांग त्रिवेणी से निवेदन किया कि मंदिर निर्माण का मार्ग शीघ्र प्रशस्त करें। प्रत्येक वर्ष वह माघ मेला में यहां शिविर से संगम तक की परिक्रमा करते हैं।

उन्होंने कहा कि 450 साल हो गया राम मंदिर के दुर्दशा का। पिछले 70 वर्षों से मामला न्यायपालिका में हैं। उनका कहना है ऐसा लगता है शासन और प्रशासन राम मंदिर निर्माण को लेकर गंभीर नहीं है। ‘हमें सरकार, न्यायपालिका और अन्य लोगों से जब कोई मंदिर निर्माण की मजबूत स्थिति दिखलाई नहीं पड़ती तब लगा कि ईश्वर ही मेरी सहायता कर सकता है।

उन्होंने कहा कि श्रीराम ने लंका पर विजय हासिल करने के लिए रामेश्वरम की स्थापना की। रामेश्वरम की स्थापना कर श्रीराम ने महाकाल से विजय श्री प्राप्त की। इसी उद्देश्य से शिव पुराण की दृष्टी से एक लाख 25 हजार रूद्राक्षों से शिव लिंग की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि 154 त्रिशूलों की स्थापना की है जिसमें काला त्रिशूल आतंकवाद समाप्त करने के लिए, पीला त्रिशूल शांति के लिए, श्वेत त्रिशूल ज्ञान-विद्या के लिए और पांच चक्र कुण्ड बनाए गये हैं जो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए है। वह एक लाख 24 हजार दीपों से गंगा महा आरती करेंगे।

मौनी बाबा ने बताया कि विश्वास है कुम्भ में जो व्यक्ति आता है, अपनी इच्छाओं की कामना कर अनुष्ठान करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती है, शास्त्रों की मान्यता है।

राम मंदिर को लेकर कुम्भ मेले में उनकी तीन परिक्रमाएं संकल्पित हैं। जिसमें से आज एक पूरी हो गयी। उन्होंने बताया कि शिविर में एक लाख 25 हजार रूद्राक्षों से शिवलिंग स्थापित किया गया है।


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