पीएम आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष ने दिया एक जीएसटी दर रखने का सुझाव
जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) को लागू हुए पांच साल से ज्यादा का समय बीत चुका है

- विंध्यवासिनी त्रिपाठी
नई दिल्ली। जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) को लागू हुए पांच साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। इस बीच इसके बहुस्तरीय कर ढांचे में कई तरह के सुधार भी हुए। बावजूद जीएसटी को लेकर कारोबारियों में अभी भी असंतोष बरकरार है।
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि इसका बहुस्तरीय कर ढांचा जीएसटी की मूलभावना एक देश एक टैक्स के खिलाफ है। वहीं अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने भी जीएसटी में केवल एक दर रखने की वकालत की है।
उन्होंने कहाकि देश में जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिए। हालांकि लगे हाथ उन्होंने यह भी साफ किया कि वे इस मामले में अपनी निजी राय रख रहे हैं। उनके इस बयान का सरकार की नीति से कोई लेना-देना नहीं है।
देबरॉय ने कहाकि उनका व्यक्तिगत रूप से मानना है कि उत्पाद कोई भी,लेकिन जीएसटी की दर सब पर एक समान होनी चाहिए। उन्होंने इसी क्रम में यह भी कहाकि यद्यपि यह कभी लागू होने वाला नहीं है।
इसे प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति का सुझाव भी नहीं माना जाना चाहिए। बतादें कि मौजूदा समय में जीएसटी के चार स्लैब दरें 5 फीसदी,12 फीसदी,18 फीसदी और 28 फीसदी लागू हैं।


