सभी बोरवेलों को दो हफ्ते के भीतर सील करे सीजीडब्ल्यूए
गाजियाबाद जिले में घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए भूजल के लगातार बढ़ते दोहन को काबू में लाने के लिए एनजीटी ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण को आदेश दिए हैं
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले में घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए भूजल के लगातार बढ़ते दोहन को काबू में लाने के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण को आदेश दिए हैं कि वह गाजियाबाद जिले में लगे सभी बोरवेलों को दो हफ्ते के भीतर सील कर अपनी रिपोर्ट अभिकरण को दें।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी को भी यह आदेश दिया गया है कि वे बोरवेल सील करने के काम में सीजीडब्ल्यूए की मदद करें। दोनों ही संस्थाओं को अपनी रिपोर्ट 11 मई 2017 तक दाखिल करनी होगी। जिन रिहायशी इलाकों में अभी तक नगर निगम या अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है, ऐसे व्यक्ति और संस्थाएं जिनके पास सीजीडब्ल्यूए की एनओसी है या जिन्होनें एनओसी के लिए अप्लाई कर दिया है को फिलहाल इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।
27 अप्रैल 2017 को जारी आदेश में एनजीटी ने जिलाधिकारी को आदेश दिए थे कि वे उन सभी घरेलू उपभोक्ताओं, जिन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए बोरेवेल लगाईं हुई है को सूचित करें कि वे दो हफ्तों के अन्दर सीजीडब्ल्यूए में अपने बोरेवेल कनेक्शन की एनओसी के लिए अप्लाई कर दें अन्यथा उनके बोरेवेल भी सील कर दिए जायेंगे।
यह अवधि 11 मई 2017 को समाप्त हो रही है। आदेश में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसे औद्योगिक संस्थान जो अपने कर्मचारियों के पीने और अन्य उपयोग के लिए बोरेवेल के पानी का उपयोग कर रहे हैं इस आदेश के दायरे में आते हैं या नहीं।
इसी क्रम में अपने 13 अप्रैल 2017 के आदेश में एजीटी ने सीजीडब्ल्यूए को आदेश दिया था कि वह ऐसी सभी (नई और पुरानी) औद्योगिक इकाइयों, बिल्डरों व निजी उपयोग के लिए लगाए गए बोरेवेलों को तत्काल प्रभाव से सील कर दे जिन्होंने भूजल निकासी के लिए सीजीडब्ल्यूए से एनओसी नहीं ली है। साथ ही सीजीडब्ल्यूए को यह भी आदेश दिया था कि वे उन सभी औद्योगिक इकाइयां जिन्होंने एनओसी ले ली है की जांच करें और बताएं कि कहीं वे एनओसी की शर्तों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं।
यदि ऐसा है तो इन इकाईयों में लगे बोरवेलों को भी सील कर दिया जाए। इसके अलावा ग्रीन कोर्ट ने सीजीडब्ल्यूए को आदेश दिए थे कि वह इस क्षेत्र में पानी सप्लाई करने वाली सभी कंपनियों के पानी के स्रोतों की जांच कर बताए कि उन्होंने भी सीजीडब्ल्यूए से एनओसी ली है या नहीं।
इस काम के लिए सीजीडब्ल्यूए के अधिकारी जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम के कर्मचारियों की मदद ले सकते हैं। क्या कहता है कानून: केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण ने दिनांक 4.4.1998 को एक नोटिस जारी कर गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत आने वाले पूरे इलाके को अधिसूचित क्षेत्र घोषित कर दिया था।


